Byju’s की EGM में फाउंडर बायजू रवींद्रन को बाहर करने के पक्ष में वोटिंग, अब आगे क्या होगा?



बायजूज (Byju’s) का संकट लगातार गहराता जा रहा है। पिछले हफ्ते कंपनी के अहम शेयरहोल्डर्स की बैठक में कंपनी की लीडरशिप और गर्वनेंस में बदलाव के पक्ष में वोटिंग हुई। हालांकि, कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन इस फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हम आपको यहां Byju’s में चल रहे सत्ता संघर्ष के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

निवेशक बायूज रवींद्रन को क्यों बाहर करना चाहते हैं?

निवेशकों के एक ग्रुप का आरोप है कि कंपनी का मैनेजमेंट शेयरहोल्डर्स को बायूज की वित्तीय स्थिति, टॉप एग्जिक्यूटिव्स, रेगुलेटरी इकाइयों की कार्रवाई, पेमेंट में देरी आदि के बारे में निवेशकों को सही जानकारी देने में नाकाम रहा। साथ ही, वित्त वर्ष 2022 और 2023 की ऑडिट पूरा होने की समयसीमा के बारे में शेयरहोल्डर्स को गुमराह किया गया। इसके अलावा, बोर्ड की बैठकों में भी बोर्ड पर्यवेक्षकों को भी आमंत्रित नहीं किया गया।

पिछले हफ्ते EGM की बैठक में क्या हुआ?

शोर-शराबा और हंगामे की वजह से EGM देरी से शुरू हुई। इस बैटक में निवेशकों ने कंपनी के बोर्ड के पुर्नगठन के लिए कई प्रस्ताव पास किए, मसलन कंपनी में हुई गड़बड़ियों की फॉरेंसिक जांच और एडुटेक फर्म की लीडरशिप में बदलाव के लिए भी प्रस्ताव पास किए गए। इनवेस्टर सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के 60% शेयरहोल्डर्स ने इन प्रस्तावों के पक्ष में वोट दिया। हालांकि, कंपनी सूत्रों का कहना है कि सिर्फ 47 पर्सेंट ने ऐसा किया। इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि वोटिंग अवैध थी, क्योंकि कंपनी के नियमों के मुताबिक कंपनी के कम से कम संस्थापक का EGM में रहना जरूरी है, जबकि संस्थापक परिवार का कोई भी सदस्य बैठक में मौजूद नहीं था।

अब आगे क्या?

EGM से एक दिन पहले बायजूज ने कर्नाटक हाई कोर्ट से यह ऑर्डर हासिल किया कि बैठक में पास प्रस्तावों को तब तक लागू नहीं किया जाएगा, जब तक EGM के खिलाफ दायर केस पर मार्च में सुनवाई नहीं हो जाती। इनवेस्टर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वे फिर से अदालत में अपना पक्ष रखेंगे कि EGM बुलाना कानून के दायरे में है। इस बीच, बायजूज अपना राइट्श इश्यू बंद करने की तैयारी में है, जिसके जरिये कंपनी 20 करोड़ डॉलर जुटाने का प्लान है।



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