Ether का प्राइस लगभग एक प्रतिशत बढ़ा है। यह लगभग 3,405 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Tether, Binance Coin, Ripple, Cardano, Tron और Chainlink के प्राइस बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.58 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.51 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, “बिटकॉइन पर प्रेशर है क्योंकि स्पॉट बिटकॉइन ETFs में बिकवाली हो रही है। Grayscale के gBTC से लगभग 1.8 अरब डॉलर निकाले गए हैं। बिटकॉइन में ब्रेकआउट अगले कुछ सप्ताह में 70,000 डॉलर से अधिक के प्राइस पर हो सकता है। इसके लिए सपोर्ट 61,000 डॉलर पर है।” WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने कहा, “स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक के इंटरेस्ट रेट्स घटाने से डॉलर में रिकवरी हुई है। इससे बिटकॉइन पर असर पड़ सकता है।”
देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। हाल ही में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसीज को ‘करेंसी’ के तौर पर माना या देखा नहीं जाता। क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, “सरकार का हमेशा यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।” अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। इन ETF में काफी फंड लगाया गया था। इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी की वजह से स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टोकरेंसीज की ओर हो सकता है। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स भी बनाए जा रहे हैं।