आमतौर पर मतली को हल करने के लिए दवा और घरेलू नुस्खों की मदद ली जाती है। वहीं कुछ आसान योगासनों का अभ्यास करने से शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। मतली को दूर करने के लिए करें ये योगासन
अक्सर त्योहारों के मौके पर ओवरइटिंग, फूड एलर्जी, कंटेमिनेटिड या अनहेल्दी खाद्य पदार्थों (unhealthy food) को खा लेने से मतली का सामना करना पड़ता है। इसके चलते उल्टी, पेट दर्द और मॉर्निंग सिकनेस (causes of morning sickness) की समस्या बनी रहती है। आमतौर पर जहां इस समस्या को हल करने के लिए दवा और घरेलू नुस्खों की मदद ली जाती है। वहीं कुछ आसान योगासनों का अभ्यास करने से शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। जानते हैं किन योगासनों की मदद से मतली (yoga for nausea) की समस्या को किया जा सकता है नियंत्रित।
इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि शरीर में कई कारणों से मतली का सामना करना पड़ता है। इसके चलते एनर्जी की कमी महसूस होती है और डाइजेशन स्लो होने लगता है। योगासन शरीर को संतुलित रखने में मदद करते है। इनकी मदद से डाइजेशन बूस्ट (tips to boost digestion) होता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आने लगता है। तनाव और एंग्ज़ाइटी को दूर करने के लिए नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करें।
1. विपरीतकरणी आसन (Legs up the wall pose)
शरीर को रिलैक्स और संतुलित बनाए रखने के लिए किए जाने वाले इस योगासन को करने के लिए दीवार की मदद ली जाती है। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और मतली की समस्या हल होने लगती है। इस योगासन को करने से ब्रेन में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। साथ ही शरीर का पूरा वज़ कंधों पर टिका होता है।
जानें विपरीतकरणी आसन करने की विधि
- इसे करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों से सीधा कर लें और आपस में जोड़कर रखें।
- अब कमर पर दोनों तरफ हाथ टिका लें और टांगों को उपर की ओर लेकर जाएं। अगर आप चाहें, तो इस योगासन का दीवार की मदद से कर सकते हैं।
- दोनों हाथों को ज़मीन पर टिका लें और गहरी सांस लें। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें और सांस पर नियंत्रिण बनाए रखें।
- अब टांगों को नीचे लेकर आएं और शरीर को ढीला छोड़ दें। दिन में दो बार इस योगासन आ अभ्यास करें।
2. बद्धकोणासन (Bound angle pose)
शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए बद्धकोणासन का अभ्यास करें। इस योगासन को करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। इससे शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने लगता है।
जानें बद्धकोणासन को करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे बैठ जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें। दोनों टांगों को सामने की ओर रखें।
- दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए अंदर की ओर लेकर आएं और दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें। अब हथेलियों से पैरों को पकड़ें।
- कमर को सीधा रखें और गहरी सांस लें। साथ ही सांस पर नियंत्रण बनाकर रखें। इस दौरान टांगों को उपर से नीचे की ओर लेकर जाएं।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करने से शरीर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है।
3. सेतु बंधासन (Bridge pose)
पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले इस योगासन के अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे हार्मोंन में बढ़ने वाले असंतुलन की समस्या को कम किया जा सकता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है और पिट्यूटरी गलैंड को उत्तेजित करने में मदद मिलती है।
जानें सेतुबंध योगासन को करने की विधि
- इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें और सामान्य दूरी बनाकर रखें।
- अब कमर से शरीर को उपर की ओर उठाएं और दोनों बाजूओं को जमीन पर टिका कर रखें। कंधों को जमीन पर लगाकर रखें।
- 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
4. शलभासन (locust pose)
इस योगासन को करने से पीठ की मज़बूती बढ़ने लगती है। इसके अलावा शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है। पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन से पेट की मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है और शरीर स्वस्थ बना रहता है।
जानें कैसे करें शलभासन
- इस योगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और टांगो को पीछे से उपर की ओर उठाएं। टांगों को एक दम सीधा रखें।
- उसके बाद गर्दन और शरीर के उपरी हिस्से को उठाने का प्रयास करे। दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और बाजूओं को सीधा रखें।
- चेहरे को सामने की ओर रखें और गहरी सांस लें व छोड़ें। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
- शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और शरीर कब्ज व अपच से दूर रहता है।
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