सर्दियों में दौड़ने के लाभ,- Sandiyon mei running ke fayde


अगर आप कैलोरी बर्न करना चाहते हैं और हृदय रोगों से भी ग्रस्त नहीं हैं तो सर्दी के मौसम में बाहर व्यायाम करना फायदेमंद साबित होता है। मगर दौड़ने के लिए बाहर निकलने से पहले कुछ सावधानियां बरतें।

वे लोग जो दिन की शुरूआत रनिंग यानि दौड़ने से करते है, उनके लिए मौसम में आने वाला बदलाव कोई महत्व नहीं रखता है। वे गर्मी हो या सर्दी, दिन हो या अंधेरा नियमानुसार दौड़ने के लिए निकल पड़ते है। वे लोग जो इनडोर वर्कआउट करते हैं, उन्हें ट्रेडमिल पर दौड़ना पसंद होता हैं। एक तरफ सर्दी और दूसरी ओर बढ़ता प्रदूषण, इस बात को सोचने पर मज़बूर कर देता है कि घर के अंदर व्यायाम या दौड़ना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है या नहीं। रिसर्च के अनुसार सर्दियों में दौड़ने से कुछ स्वास्थ्य लाभ होते हैं। अगर आप कैलोरी बर्न करना चाहते हैं और हृदय रोगों से भी ग्रस्त नहीं हैं तो सर्दी के मौसम में बाहर व्यायाम करना फायदेमंद साबित होता है। मगर दौड़ने के लिए बाहर निकलने से पहले (Running in cold weather) कुछ सावधानियां बरतें।

इस बारे में फ़िज़ियोथेरेपिस्ट और फ़िटनेस विशेषज्ञ डॉ ऐजाज़ आशाई बताते हैं कि ठंड में दौड़ना स्वस्थ लोगों के लिए फायदेमंद है। मगर दिल की बीमारी से ग्रस्त लोगों को ठंड के मौसम में दौड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इससे उनके दिल पर दबाव बढ़ने लगता है। 2018 में टेम्परेचर जर्नल में छपे एक रिसर्च के अनुसार ठंड और व्यायाम के प्रभाव से हृदय संबंधी बीमारियों वाले लोगों में बीमारी का खतरा बढ़ता है और मृत्यु दर में भी बढ़ातरी पाई गई है।

सर्दियों में भी दौड़ने के सेहत लाभ (Health benefits of running in cold weather)

1. हृदय की कार्यक्षमता में सुधार

फ़िज़ियोथेरेपिस्ट और फ़िटनेस विशेषज्ञ डॉ ऐजाज़ आशाई बताते हैं कि सर्दियों में दौड़ने से हृदय पर दबाव बनने की समस्या कम होती है। दरअसल, शरीर को ठंडा होने के लिए ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। दौड़ने से हृदय प्रणाली बेहतर तरीके से काम करती है और मांसपेशियों में ऑक्सीजन उचित तरीके से पहुँचने लगती है। लाइफ़ साइंसेज़ जर्नल में 2023 के रिसर्च के अनुसार ठंड में व्यायाम करने से शरीर में तनाव के प्रति सहनशीलता बढ़ने लगती है और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है।

Heart health ke loye running hai faydemand
ठंड में व्यायाम करने से शरीर में तनाव के प्रति सहनशीलता बढ़ने लगती है और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. सूजन कम होती है

अधिकतर ठंड के मौसम में दौड़ने से ब्लड वेसल्स को संकुचित करके सूजन को कम करने में मदद मिलती है। एक्सपर्ट के अनुसार दौड़ने के बाद शरीर गर्म होने लगता है और उसके बाद शरीर में ब्लड के सर्कुलेशन में बढ़ोतरी होती है। रनिंग की गिनती हेल्दी वर्कआउट सेशन में की जाती है, जिससे किसी भी समस्या की रिकवरी में भी सहायता मिलती है।

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3. कैलोरी बर्न करने में मददगार

सर्दियों के दौरान दौड़ने से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। दौड़ने के दौरान शरीर पर बॉडी टैम्परेचर मेंटेन रखता है। डॉ आशई कहते हैं कि ठंडा तापमान ब्राउन फैट को सक्रिय करने में मदद करता है। इससे कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलती है। इससे अतिरिक्त फैट को घटाने और वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है।

4 स्टेमिना बना रहता है

सर्दियों में दौड़ने से ऊर्जा खर्च होती है, जिससे शरीर का तापमान उचित बना रहता है। एक्सपर्ट के अनुसार इससे शरीर ऑक्सीजन का अधिक कुशलता से इस्तेमाल कर पाता है।। इसके अलावा दौड़ने से किसी भी शारीरिक गतिविधि को करने की क्षमता में भी समधार आने लगता है।

सर्दियों में दौड़ने से ऊर्जा खर्च होती है, जिससे शरीर का तापमान उचित बना रहता है।

5 कम होता है तनाव

देर तक सर्दियों में दौड़ने से गर्मी के कारण बढ़ने वाला तनाव कम होने लगता है। धूप के अलावा ठंडी हवा शरीर के कोर तापमान को उचित बनाए रखने के अलावा निर्जलीकरण, थकान और अधिक गर्मी को रोकता है। इससे शरीर हेल्दी और फिट रहता है।

क्या ठंड के मौसम में दौड़ना फेफड़ों के लिए अच्छा है?

अधिकतर लोग सर्दियों में व्यायाम कम करदेते है, मगर नियमित रूप से वयाम करना स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, सर्दियों के दौरान तापमान बहुत कम होता है। इस दौरान सांस लेने से वो लंग्स तक पहुंचती है। दौड़ते वक्त सांस लेते हुए हवा को गर्म और नम बनाए रखने के लिए अपने नाक और मुँह को स्कार्फ़ या मफ़लर से ढक लेना फायदेमंद साबित होता है।। इससे वायुमार्ग पर होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है। ।

ठंड के मौसम में दौड़ते वक्त इन 7 तरीकों से रखें अपने आप को सुरक्षित (7 tips to running in cold weather)

1 नमी सोखने वाले कपड़े पहनें

दौड़ते वक्त शरीर में गर्मी का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में नमी को सोखने वाले कपड़ों की लेयर्स पहनें। इस दौरान ज़्यादा कपड़े पहनने से बचें। दरअसल, पसीना आने से हाइपोथर्मिया का जोखिम बढ़ सकता है। ये शरीर की वो स्थिति होती है जब शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।

2 हाथ और पैर ढककर रखें

एक्सपर्ट के अनुसार ठंड के मौसम में शारीरिक अंगों में ब्लड सर्कुलेशन कम होता है। इससे ठंड महसूस होने लगती है। ऐसे में खुद को गर्म रखने के लिए दस्ताने, ऊनी मोज़े पहनें और बाहर व्यायाम करते समय फिसलने से बचने के लिए अच्छी पकड़ वाले रनिंग शूज़ पहनें।

3.वार्म अप करना न भूलें

जब मांसपेशियां ठंडी होती हैं, तो चोट लगने की संभावना अधिक होती है। चोटिल होने से बचने के लिए आरामदायक कपड़े पहनकर वार्म-अप करें और दौड़ने से पहले कुछ देर स्ट्रेचिंग भी करें। सर्दी में बाहर कसरत करने से पहले घर के अंदर कवर्ड जगह पर वार्मअप व्यायाम करना फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर में एनर्जी बनी रहती है।

इससे आपकी मांसपेशियों को राहत मिलेगी और बॉडी के मूवमेंट से शरीर में गरमाहट भी बनी रहेगी। चित्र : शटरस्टॉक

4 हाइड्रेटेड रहें

ठंडे तापमान के दौरान लोगों को प्यास कम लगती हैय हालाँकिए पसीने और श्वसन में पानी की कमी अभी भी काफी हो सकती है। अगर आप धावक हैंए तो निर्जलीकरण से बचने के लिए व्यायाम करने से पहलेए दौरान और बाद में हाइड्रेट करें। आप अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी या स्वस्थ पेय पदार्थ पी सकते हैं।

5 फ्रोस्ट बाइट से सावधान रहें

ठंडी हवा के संपर्क में आने के बाद फ्रोस्ट बाइट का जोखिम बढ़ जाता है। इससे नाक, गाल और कान सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। इसके चलते शारीरिक अंगों में सुन्नता और झनझनाहट बनी रहती है। ऐसे में खुद को कवर करके रखें।

ठंडी हवा के संपर्क में आने के बाद फ्रोस्ट बाइट का जोखिम बढ़ जाता है।। चित्र अडोबी स्टॉक

6. रिफ़्लेक्टिव गियर पहनें

सर्दियों के दिन छोटे होते हैं इसलिए सुबह और शाम विज़िबीलिटी कम होने लगती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि रिफ़्लेक्टिव गियर, कपड़े या एक्सेसरीज़ पहनने से दुर्घटना या चोट लगने के खतरे से बचा जा सकता है।

7 अगर आपके शरीर में दर्द हो तो रुकें

वार्म-अप एक्सरसाइज़ के बाद ठंड के मौसम में दौड़ते समय तेज़ रफ्तार न पकड़ें। धीरे धीरे शुरूआत करना फायदेमंद साबित होता है। कुछ दूरी तय करने के बाद सिर या छाती में दर्द होने लगे या साँस फूलने लगे, तो रूककर आराम कर लें। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।



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