भुजंगासन सूर्य नमस्कार के 12 योगासनों में से एक है। सातवें स्थान पर की जाने वाली इस योग मुद्रा में पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है। मसल्स में खिंचाव आने से पेट के आसपास जमा चर्बी कम होने लगती है।
लगातार एक ही पोश्चर में बैठकर काम करने से जहां पीठ में ऐंठन बढ़ने लगती है, तो वहीं बैली फैट का भी सामना करना पड़ता है। पेट पर जमा चर्बी को दूर करने के लिए यूं तो कई नुस्खे अपनाए जाते हैं और अधिकतर लोग जिम की भी मदद लेते है। मगर हेल्दी वेट मैनेजमेंट के लिए योगासनों का अभ्यास बेहद कारगर साबित होता है। भुजंगासन यानि कोबरा पोज़ करने से पेट के मसल्स को मज़बूती मिलती है। इससे पेट पर जमा चर्बी दूर होती है और शरीर को कई फायदे भी मिलने लगते है। जानते हैं भुजंगासन के फायदे और इसे करने की विधि।
भुजंगासन किसे कहते हैं (What is Bhujangasana)
इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा सेठी बताती हैं कि भुजंगासन सूर्य नमस्कार के 12 योगासनों में से एक है। सातवें स्थान पर की जाने वाली इस योग मुद्रा में पेट की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है। इससे न केवल शरीर में लचीलापन बढ़ता है बल्कि ब्लड का सर्कुलेशन नियमित होने लगता है। मसल्स पेट के में खिंचाव आने से आसपास जमा चर्बी कम होने लगती है। पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन को शरीर की क्षमता के अनुसार ही करें। वे महिलाएं, जो गभवती हैं, उन्हें इस योगासन को करने से परहेज़करना चाहिए।
जानें भुजंगासन को करने की विधि (Steps to do Bhujangasana)
- इस योगासन को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और टांगों को घुटनों से एकदम सीधा कर ले।
- दोनों बाजूओं को सामने की ओर रखें। अब उन्हें कोहनी से मोड़ते हुए हथेलियों को कंधों के पास लाकर छोड़ दें।
- शरीर के उपर हिस्से को उपर की ओर उठाएं और दोनों बाजूओं के सहारे कमर तक शरीर को उठाने का प्रयास करें।
- गहरी सांस लें और छोड़े। फिर गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इसी मुद्रा में बने रहें।
- अब गर्दन को नीचे की ओर लाएं और दोनों बाजूओं को सामने की ओर लाते हुए शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और पेट के बल लेट जाएं।
जानें भुजंगासन के फायदे (Benefits of Bhujangasana)
1. वेटलॉस में मिलती है मदद
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन की रिसर्च के अनुसार भुजंगासन को करने के दौरान पेट पर प्रेशर बढ़ जाता है। इससे पेट के आसपास जमा चर्बी को दूर करने में मदद मिलती है। इससे शरीर के पोश्चर में भी बदलाव आने लगता हैं। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से पेट, पीठ और कमर पर जमा फैट को बर्न किया जा सकता है। इससे शरीर का लचीलापन भी बना रहता है।
2. मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ाए
इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन से राहत मिलती है और शरीर का लचीलापन बना रहता है। इससे पेट, घुटनों, कंधों और स्पाइन को मज़बूती मिलती है। साथ ही कोर मसल्स को भी ताकत मिलती है। दिन में दो बार भुजंगासन का अभ्यास करना फायदेमंद साबित होता है।
3. तनाव से मिलती है राहत
योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है। योग को रूटीन में शामिल करने से तनाव और एंग्ज़ाइटी कम होने लगती है। एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार सप्ताह में 2 दिन भुजंगासन का अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन के गंभीर लक्षणों में गिरावट पाई गई। इससे एकाग्रता बढ़ने लगती है और मूड बूस्ट होता है।
4. शारीरिक दर्द को करे कम
देर तक बैठन से कमर में बढ़ने वाले दर्द को कम करने के लिए ये योगासन कारगर साबित होता है। इसे करने से स्पाइन के मसल्स स्ट्रेच होते है। ऐसे में खासतौर से ठंड के मौसम में बढ़ने वाले दर्द को आसानी से कम किया जा सकता है।
5. एनर्जी के स्तर को बढ़ाए
नियमित रूप से भुजंगासन का अभ्यास शरीर में एनर्जी को बढ़ाने के अलावा स्टेमिना को भी बूस्ट करता है। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी रहता है। साथ ही ठंड के मौसम में बढ़ने वाले आलस्य से बचा जा सकता है। इससे शारीरिक अंगों में बढ़ने वाली कमज़ोरी और दर्द से राहत मिलती है।
6. पाचनतंत्र को बनाए मज़बूत
वे लोग जो ब्लोटिंग, अपच और पेट दर्द से ग्रस्त रहते हैं, उन्हें इसका अभ्यास करना चाहिए। इससे पेट पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे पाचनतंत्र संतुलित बना रहता है। साथ ही एसिडिटी का सामना कर रहे लोगों के लिए भी ये उपाय फायदेमंद है।
7. अस्थमा से मिलेगी राहत
प्रदूषण के चलते सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए भंजुगासन का अभ्यास आवश्यक है। इसे करने से चेस्ट कपेसिटी बढ़ने लगती है और ऑक्सीजन के इनटेक में भी सुधार आने लगता है। इसके अलावा रेस्पिरेटरी मसल्स में भी सुधार देखने को मिलता है। साथ ही संक्रमण के चलते चेस्ट कंजेशन से भी राहत मिलती है।