World Rabies Day 2024: हर साल 28 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रेबीज डे? जानें इतिहास, महत्व और थीम | world rabies day 2024 history significance and theme in hindi


World Rabies Day 2024: आज के समय में कुत्ते पालने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। लोग कुत्ते पालने के शौकीन तो हैं, लेकिन कुत्ते के काटने पर कुछ लोग दुलार में इसे नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि ऐसे में रैबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। इस वजह से हर साल सैकड़ों लोग बीमार होते हैं। यह एक लाइलाज बीमारी है, जोकि जानलेवा होती है। इसलिए इसके प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का मकसद लोगों को रेबीज के प्रति जागरूक करना होता है। ताकि रेबीज के कारण कम से कम मौत हो सके। आइये जानते हैं इस दिन का इताहास, महत्व और थीम के बारे में। 

रेबीज डे का इतिहास (World Rabies Day History)

रेबीज डे को पहली बार साल 2007 में मनाने की घोषणा की गई थी। ग्लोबल अलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल ने इसे मनाने की घोषणा की थी। दरअसल, इसे मनाने का मकसद केवल रेबीज की बीमारी के बढ़ते मामलों और लोगों में इसकी जागरूकता की कमी था। यह दिवस मनाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसे मनाने पर सहमति जताई, जिसके बाद से हर साल 28 सितंबर को यह दिवस मनाया जाने लगा। 

रेबीज डे की साल 2024 की थाम (World Rabies Day Theme)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक वर्ल्ड रेबीज डे 2024 की थीम ब्रेकिंग रेबीज बाउंड्रीज़ (‘Breaking Rabies Boundaries’) है। इस थीम से यह संदेश मिलता है कि हमें रेबीज की बीमारी को तोड़ने की जरूरत है। जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। रेबीज के प्रति जागरूकता फैलाकर ऐसा किया जा सकता है।



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