MeitY स्कैम पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मंत्रालय ने मेटा से कहा कि वह व्हाट्सऐप पर होने वाले स्कैम पर कड़े फैसले ले। यानी व्हाट्सऐप पर होने वाले स्कैम्स को लेकर सरकार चिंतित है। भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटर ने कंपनी से तुरंत इस पर फैसला लेने के लिए कहा है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी यानी MeitY स्कैम पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मंत्रालय ने मेटा से कहा कि वह व्हाट्सऐप पर होने वाले स्कैम पर कड़े फैसले ले। यानी व्हाट्सऐप पर होने वाले स्कैम्स को लेकर सरकार चिंतित है। भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटर ने कंपनी से तुरंत इस पर फैसला लेने के लिए कहा है। MeitY के सचिव एस कृष्णन ने ET से कहा कि, हमने स्कैम के मामले को मेटा के समक्ष रखा है। इसके लिए लगातार काम किया जा रहा है। स्कैमर्स नए-नए तरीके खोज रहे हैं। लोगों को भी इससे चिंता होने लगी है।
उनका कहना है कि ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए हैं जब स्कैमर्स की तरफ से इंस्टेंट मैसेज और वॉयस-ओवर-IP सर्विस प्रोवाइडर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। कंटेंट को लेकर हम तुरंत रोक भी लगाना चाहते हैं। मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा के पास व्हाट्सऐप का स्वामित्व है। इसे मेटा ने साल 2014 में 19 बिलियन डॉलर की डील में खरीदा था। कृष्णन का कहना है कि हम मेटा के अधिकारियों के साथ लगातार बात कर रहे हैं। मोबाइल ऐप व्हाट्सऐप को लेकर हमने आगे मामला भी उठाया है।
कृष्णन बताते हैं कि, अगर कोई गलत कंटेंट शेयर किया जाता है तो उसका भी एक प्रोसेस होता है। इन कंपनियों के पास ग्रीवांस ऑफिसर होने चाहिए जो इस पूरे मामले को देखे। वह लोग ऐप में या बाहर इस मुद्दे को उठा सकते हैं। अगर ये मुद्दा सॉल्व नहीं होता है तो इसके लिए ग्रीवांस कमेटी भी होनी चाहिए। गृह मंत्रालय के अंडर काम करने वाले 14C ने डिजिटल फ्रॉड के मामलों की पहचान की थी और 59,000 अकाउंट्स को बैन कर दिया था।
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