What time is it on the moon now Nasa will find out white house ordered


Universal Standard Time For the Moon : चंद्रमा पर दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां अपने मिशन भेज रही हैं। भविष्‍य में यह सिलसिला और तेज होगा। ऐसे में जरूरत होगी एक यूनिवर्सल टाइम की, जिससे पता चल पाए कि चांद पर किसी मिशन ने कितने बजे लैंड किया या किस वक्‍त कोई महत्‍वपूर्ण उपलब्‍ध‍ि हासिल हुई। अमेरिका के वाइट हाउस ने अपनी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) को चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों के लिए एक यूनिवर्सल स्‍टैंडर्ड टाइम (universal standard time) डेवलप करने की जिम्‍मेदारी दी है।  

मीडिया रिपोर्टों में वाइट हाउस के हवाले से लिखा गया है कि प्रस्तावित कोऑर्डिनेटेड लूनार टाइम (LTC) का मकसद अंतरिक्ष अभियानों को मदद करना और एफ‍िशिएंसी को बढ़ाना है। वाइट हाउस ने नासा को यह काम पूरा करने के लिए साल 2026 तक की डेडलाइन दी है।  

वाइट हाउस ऑफ‍िस ऑफ साइंस एंड टेक्‍नॉलजी पॉलिसी की डायरेक्‍टर आरती प्रभाकर का कहना है कि एक यूनिक टाइम जोन, वैज्ञानिक खोज के लेकर आर्थिक विकास और अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग के लिए जरूरी है। 

गौरतलब है कि पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण कम है। इस वजह से वहां समय लगभग 58.7 माइक्रोसेकंड तेजी से बढ़ता है। वाइट हाउस का यह भी कहना है कि फ्यूचर के स्‍पेस मिशनों में सेफ नेविगेशन को सुनिश्चित करने के लिए चंद्रमा की कक्षा के अंदर टाइम की सही परिभाषा होना जरूरी है। इसीलिए नासा को एक बड़ी जिम्‍मेदारी दी गई है। 

चंद्रमा पर मिशन भेजने वाले देशों में अभी तक अमेरिका, रूस और चीन प्रमुख रहे हैं, लेकिन पिछले साल भारत ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan3) मिशन को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराकर इतिहास रच दिया था। इस साल अमेरिका दुनिया का पहला देश बना है, जहां की एक प्राइवेट कंपनी का लैंडर चांद पर उतरा है। आने वाले वर्षों में कई और देश व कंपनियां चांद पर मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में कोऑर्डिनेटेड लूनार टाइम (LTC) के होने से स्‍पेस मिशनों को मदद मिलेगी। 
 

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