स्यूडोडिमेंशिया की वजह से याद्दाश्त हो जाती है कम, जानें इस बीमारी के कारण | what is pseudo dementia doctor explains in hindi


किसी भी चीज को हम कितने समय तक याद रखते हैं, यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी याददाश्त कैसी है और वो चीज आपके लिए कितनी मायने रखती है। बचपन में याद किए गए टेबल, एबीसीडी, कखगघ आदि जैसी चीजें हमें बड़े होने के बाद भी याद रहती हैं। लेकिन जब आप चीजें रखकर भूल जाते हैं, किसी का नाम भूल जाते हैं, या बोलते-बोलते यह भूल जाते हैं कि क्या कहने वाले थे तो लोग इस समस्या को डिमेंशिया का संकेत मान लेते हैं। लेकिन डिमेंशिया बुजुर्गों में होने वाली एक आम समस्या है। हालांकि, अगर आप कम उम्र में ही चीजें भूलने लगे हैं तो ये स्यूडो डिमेंशिया का संकेत हो सकता है? आइए अहमदाबाद के मनोशांति: मेडिकेयर क्लिनिक साइकाइट्रिस्ट डॉ. हर्षल शाह से जानते हैं स्यूडोडिमेंशिया क्या है और इससे कैसे बचाव करें? 

स्यूडोडिमेंशिया क्या है?

स्यूडोडिमेंशिया, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को डिमेंशिया के जैसे याददाश्त कमजोर, भूलने की समस्या, या इल्यूजन के लक्षण नजर आ सकते हैं। लेकिन, दिमाग में न्यूरोडीजेनेरेटिव बदलाव नहीं होते हैं। डिमेंशियां के विपरीत, जो अल्जाइमर बीमारी जैसे ब्रेन डिसऑर्डर के नतीजन होता है, जो स्यूडोडिमेंशियां के आमतौर पर गंभीर डिप्रेशन, तनाव या अन्य मनोवैज्ञानिक स्थितियों से जुड़ा होता है। इसलिए, आपको यग समझने की जरूरत है कि डिमेंशिया एक गंभीर बीमारी है और यह अक्सर बढ़ती उम्र में देखने को मिलती है। लेकिन कभी-कभी चीजें भूलना, मूड स्विंग होना या ज्यादा सोचने के कारण चीजें भूलने की समस्या स्यूडोडिमेंशिया का संकेत हो सकते हैं, जो अक्सर डिप्रेशन या किसी तनावपूर्ण स्थिति में देखा जाता है।

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स्यूडोडिमेंशिया का इलाज

स्यूडोडिमेंशिया के इलाज के लिए जरूरी है कि आप मानसिक स्वास्थ्य के डॉक्टर से इस बीमारी का सही आकलन करवाएं। आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और संज्ञानात्मक टेस्ट की मदद से संभव है। इस समस्या का सही इलाज इसके लक्षणों को पहचानकर उन्हें बढ़ने से रोकने पर केंद्रित है। इसलिए आपको एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने के साथ, अपने डिप्रेशन को कंट्रोल, तनाव को कम करने और पर्याप्त मात्रा में नींद लेने की जरूरत है। 

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स्यूडोडिमेंशिया की समस्या को आम समझकर नजरअंदाज करने से समय के साथ ये ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसलिए आप तनाव को कम करने के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो करने की कोशिश करें और मेडिटेशन या एक्सरसाइज अपने रूटीन में शामि करें। 

Image Credit: Freepik





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