[ad_1]
तरबूज की खेती
गर्मी आते ही हर तरफ तरबूज की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में अगर आप भी तरबूज की खेती करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है। तरबूज की खेती कम समय में मुनाफा कमाने का एक अच्छा तरीका है। थोड़ी सी सावधानी और सही जानकारी से आप भी इस गर्मी में तरबूज की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कब करें तरबूज की बुवाई Watermelon Farming:
- ज्यादातर क्षेत्रों में तरबूज की बुवाई जनवरी से मार्च के बीच होती है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल में भी इसकी बुवाई की जा सकती है।
- बुवाई के 2-3 महीने बाद ही इसकी कटाई हो जाती है।
किस तरह की मिट्टी है उपयुक्त:
- तरबूज को गर्म मौसम और धूप की भरपूर जरूरत होती है।
- इसकी खेती के लिए मध्यम से काली, जल निकास वाली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
- मिट्टी का pH 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए और तापमान 24 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
इन किस्मों को करें चुनाव:
- शुगर बेबी, अर्का ज्योति और पूसा बेदाना तरबूज की उन्नत किस्में हैं।
- ये फल जल्दी तैयार होते हैं और इनका उत्पादन भी अच्छा होता है।
इन बातों का रखें ध्यान:
- बुवाई के 5-7 दिन बाद और फल आने के बाद 8-10 दिन बाद सिंचाई करें।
- रोगों और कीटों से बचाने के लिए डिनोकैप या कार्बेन्डाजिम का 10 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन में 2-3 बार छिड़काव करें।
अच्छी पैदावार के लिए कुछ टिप्स:
- बीजों को बुवाई से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- खेत में खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहें।
- समय पर खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें।
[ad_2]
Source link