जानवर और इंसान के बॉडी सिस्टम के बीच में कई फर्क है। ऐसे में एनिमल अडॉप्ट करने से पहले कुछ खास सेफ्टी टिप्स का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
पेट एनिमल्स यानी कि पालतू जानवर घर के सदस्य की तरह होते हैं और लोग इनसे इतना ज्यादा घुल मिल जाते हैं, कि उनके बिना वे खुश नहीं रह पाते। पेट पेरेंट्स जब लो फील करते हैं, तो अपने पेट एनिमल्स के पास जाकर बैठ जाते हैं, वहीं लोग बेजुबान जानवर से भी बात करते हैं और ऐसा लगता है कि पेट आपकी सारी बात समझता है। परंतु फिर भी जानवर और इंसान के बॉडी सिस्टम के बीच में कई फर्क है। ऐसे में एनिमल अडॉप्ट करने से पहले कुछ खास सेफ्टी टिप्स का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ताकि किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े (Safety tips for pet owners)।
नेशनल पेट डे (National Pet Day)
हर साल 11 अप्रैल को नेशनल पेट डे के रूप में मनाया जाता है। नेशनल पेट डे को मनाने का मकसद इंसान और पालतू जानवरों के बीच के बॉन्डिंग के प्रति अवेयरनेस को बढ़ाना है। साथ ही साथ इस दिन हम अपने पेट एनिमल की देखभाल और उनकी आवश्यकताओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाने पर समर्पित करते हैं। हालांकि, पालतू जानवर साल के हर एक दिन हमारे लिए कुछ न कुछ अच्छा करते हैं, तो क्यों न हम भी साल का एक दिन उनके नाम समर्पित करें। हालांकि, साल के हर दिन हमें उनकी देखभाल करनी चाहिए।
पेट अडॉप्ट करने से पहले इन सेफ्टी टिप्स को जान लें (Safety tips for pet owners)
1. पेट एनिमल्स के हाइजीन का ध्यान रखें
हाथ धोने के अलावा, पालतू जानवरों की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करने से पेट एनिमल्स और लोगों के बीच कीटाणुओं के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। पालतू जानवर और उनके सामान को रसोई से बाहर रखें, और हफ्ते में 1 से 2 बार पालतू जानवरों के आवास और सामान को कीटाणुरहित करें। रसोई के सिंक, भोजन तैयार करने वाले क्षेत्र या बाथरूम के सिंक में जानवरों का सामान साफ न करें। पालतू जानवर आपके घर के फर्श को कीटाणुओं से दूषित कर सकते हैं, ऐसे में फर्श की सफाई पर ध्यान दें।
2. पेट एनिमल्स को स्वस्थ रखें
चाहे आपके पास कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, तोता, या अन्य कोई मज़ेदार पालतू जानवर है, तो आपके पालतू जानवर और परिवार को स्वस्थ रखने के लिए नियमित, जीवन भर पशु चिकित्सा देखभाल प्रदान करना महत्वपूर्ण है। पालतू जानवरों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित पशु चिकित्सा सेशन आवश्यक है।
अपने पालतू जानवर की देखभाल के बारे में अपने पालतू जानवर के पशुचिकित्सक से बात करें। अपने पालतू जानवर को अच्छा आहार, ताजा पानी, साफ बिस्तर और भरपूर व्यायाम प्रदान करें। अपने पालतू जानवर के टीके, डिवर्मिंग और फ्लिया और टिक नियंत्रण का ध्यान रखें।
3. बच्चों को पालतू जानवर के साथ बातचीत करना सिखाएं
पालतू जानवर बच्चों को काइंडनेस और रिस्पांसिबिलिटी सीखता है। हालांकि, बच्चे और पालतू जानवर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जानवरों के साथ बातचीत करते समय 5 वर्ष से छोटे बच्चों के उपर नजर रखना चाहिए।
बच्चों को जानवरों के साथ खेलने या जानवरों के वातावरण में किसी भी चीज़ (पिंजरे, बिस्तर, भोजन या पानी के बर्तन) के तुरंत बाद हाथ धोना सिखाएं। जानवरों को छूने के बाद बच्चों को पालतू जानवरों को चूमने या अपने हाथ या अन्य वस्तु उनके मुंह में न डालने दें।
4. हैंड वॉश की आदत बनाएं
चाहे आप अपने पालतू जानवर के साथ खेल रहे हों, उसे खाना खिला रहे हों या उन्हे क्लीन कर रहे हों, पालतू जानवर से पैदा होने वाले कीटाणुओं से बीमार होने के जोखिम को कम करने के लिए हाथ को अच्छे से धोना ज़रूरी है। यदि आप या परिवार का कोई सदस्य बीमारी है, तो डॉक्टर से बात करें और पेट की जांच करवाएं, कहीं उनके संक्रमण से तो आप बीमार नहीं हो रहे हैं।
5. वैक्सीनेशन का ध्यान रखें
वैक्सीन पालतू जानवरों से मनुष्यों में रेबीज और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी जूनोटिक बीमारियों के प्रसार को रोकते हैं और रेबीज, पार्वोवायरस, कैनाइन डिस्टेंपर, बोर्डेटेला, फेलिन ल्यूकेमिया, हेपेटाइटिस, पैरेन्फ्लुएंजा जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार पर नज़र रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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