Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस दिन व्रतियों का दोपहर में सोना वर्जित, ये है कारण


धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी परेशानी और आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है। एकादशी पर इंसान को भूलकर भी गंदे वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।

By Manoj Kumar Tiwari

Publish Date: Sat, 04 May 2024 07:37:20 AM (IST)

Updated Date: Sat, 04 May 2024 09:42:48 AM (IST)

HighLights

  1. नारायण के आराधना में चार मई 2024 को लीन रहेंगे व्रती
  2. न्यायधानी के प्रमुख मंदिरों व घरों में होगी विशेष पूजन
  3. एकादशी पर यह ध्यान रखें

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। वैशाख मास में मनाए जाने वाली वरुथिनी एकादशी इस बार चार मई को है। यह एकादशी भगवान नारायण को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रतियों का दोपहर में सोना वर्जित है। व्यर्थ के विवादों से बचना चाहिए। सच्चे मन से भगवान की आराधना करनी चाहिए। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक बताते हैं कि वैशाख मास में मनाई जाने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

नारायण की आराधना की जाती है। यह एकादशी शुभ फलों की प्राप्ति करवाती है। जीवन में प्रसन्नता बनी रहती है। इसके साथ ही भय से मुक्ति देती है। वैशाख मास में मनाए जाने वाली एकादशी चार मई को मनाई जाएगी। इसका पालन करने से सालभर शरीर स्वस्थ बना रहता है। मानसिक और शारीरिक रूप से किसी प्रकार का तनाव नहीं रहता। यह व्रत भगवान नारायण के वराह अवतार को लेकर पूजनीय है। वरुथिनी एकादशी को भगवान विष्णु ने 12 अवतार को समर्पित किया है। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वराह अवतार के रूप में भूमि को पाताल से उठाया था जिस ने सृष्टि की रचना हुई थी। इस व्रत को करने से वक्त के सारे संकट दूर होते हैं और सुखों से वह जीवनयापन करते हैं।

एकादशी पर यह ध्यान रखें

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी परेशानी और आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है। एकादशी पर इंसान को भूलकर भी गंदे वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। व्रत के पहले तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस, मछली, प्याज, लहसुन, धूम्रपान आदि से दूर रहना चाहिए। इस व्रत को करने से एक दिन पहले चावल खाना बंद कर दें। इस दिन तुलसी के पत्ते को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए, घर में दरिद्रता का प्रवेश होता है। एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों को अपने बाल नहीं धोने चाहिए। एक दिन पहले बाल धोकर साफ कर लें।

भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग

एकादशी तिथि को भगवान श्री हरी विष्णु की कृपा पाने के लिए गुड़ और चने की दाल, केला या पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। इस भोग को लगाने से घर में देवी अन्नपूर्णा की भी कृपा बनी रहती है। भोग में तुलसी की पत्तियों जरूर डालना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा के दौरान ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ विष्णवे नमः:’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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    वर्ष 2010 में गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय, बिलासपुर से ग्रेजुएशन किया है। तत्पश्चात शिक्षा एवं कार्य को आगे बढ़ते हुए मैं दैनिक प्रजापति, इवनिंग टाइम्स एवं लोकस्वर में पत्रकारिता करियर की शुरुआत की 2012—13 मैंन



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