Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, नोट करें सामग्री लिस्ट

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माना जाता है कि एकादशी की पूजा में विशेष चीजों को शामिल किया जाए, तो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Tue, 30 Apr 2024 01:12 PM (IST)

Updated Date: Tue, 30 Apr 2024 01:12 PM (IST)

वरुथिनी एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट।

HighLights

  1. एकादशी के दिन भगवान की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं।
  2. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें।
  3. हम आपके लिए पूजा सामग्री लिस्ट लेकर आए हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Varuthini Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं। इस बार वरुथिनी एकादशी 3 मई, 2024 को मनाई जाने वाली है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी की पूजा में विशेष चीजों को शामिल किया जाए, तो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में पूजा को विधि-विधान से संपन्न करने के लिए हम आपके लिए पूजा सामग्री लिस्ट लेकर आए हैं।

वरुथिनी एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

  • पीला कपड़ा
  • दीपक
  • आम के पत्ते
  • कुमकुम
  • फल
  • फूल
  • मिठाई
  • अक्षत
  • पंचमेवा
  • धूप
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा
  • वरुथिनी एकादशी पूजा विधि

    • वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
    • अब मंदिर को साफ करें और गंगा जल छिड़क कर पवित्र करें।
    • एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति विराजित करें।
    • इसके बाद भगवान को चंदन, हल्दी और कुमकुम से तिलक करें और देवी लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
    • भगवान विष्णु से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
    • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। साथ ही मंत्रों का जाप करें।
    • अंत में भगवान विष्णु को उनका प्रिय भोग लगाएं और प्रसाद में तुलसी दल भी शामिल करें।
    • प्रसाद खुद भी ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें।

    इस मंत्र का करें जाप

    शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    डिसक्लेमर

    ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

    • ABOUT THE AUTHOR

      एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni

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