Vaishakh Purnima 2024: मई माह में इस शुभ दिन करें श्री सत्यनारायण पूजा, सुख-समृद्धि का होगा आगमन

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धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

By Nai Dunia News Network

Publish Date: Thu, 02 May 2024 04:49 PM (IST)

Updated Date: Thu, 02 May 2024 04:49 PM (IST)

श्री सत्यनारायण पूजा कब करें?

धर्म डेस्क, इंदौर। Vaishakh Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। पूर्णिमा के दिन भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा की जाती है। अगर आप मई महीने में भी श्री सत्यनारायण की पूजा करने का सोच रहे हैं, तो इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु के निमित्त श्री सत्यनारायण की पूजा की जा सकती है। आइए, जानते हैं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और योग क्या हैं।

श्री सत्यनारायण पूजा के लिए शुभ दिन

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा 22 मई को शाम 6.47 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 मई को शाम 7.27 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। इस प्रकार वैशाख पूर्णिमा 23 मई को पड़ रही है। केवल इसी दिन श्री सत्यनारायण का व्रत और पूजन किया जा सकता है।

वैशाख पूर्णिमा शुभ योग

वैशाख पूर्णिमा पर शिव योग बन रहा है। यह योग दोपहर 12.13 बजे से शुरू हो रहा है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी बन रहा है। यह योग सुबह 09 बजकर 15 मिनट से बन रहा है। वहीं, भद्रावास की भी संभावना है। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होती है।

शुभ समय

  • ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त : दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त : शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त : रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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