निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से व्रती को न सिर्फ आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है, बल्कि यश की प्राप्ति भी होती है। इस दिन व्रती को भगवान लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय जरूर करना चाहिए।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Tue, 11 Jun 2024 10:32:52 AM (IST)
Updated Date: Tue, 11 Jun 2024 11:35:01 AM (IST)
HighLights
- हर साल ज्येष्ठ माह में आती है निर्जला एकादशी
- शुक्ल पक्ष की एकादशी पर रखा जाता है व्रत
- इस दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता
Nirjala Ekadashi Vrat Upay धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है, जो कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस साल यह व्रत 18 जून को रखा जाएगा।
मान्यता है कि इस व्रत के दौरान अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता। यह व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। हिंदू शास्त्रों की मानें तो निर्जला एकादशी व्रत रखने से 24 एकादशियों के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी व्रत को लेकर ये है मान्यता
इस व्रत के दौरान व्रती द्वारा कुछ उपाय किए जाए तो उसे कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यहां आपको इस व्रत से जुड़े उपाय बताते हैं।
- निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी की मंजरी अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। तुलसी की मंजरी को एकादशी के एक दिन पूर्व ही तोड़कर रख लेना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को श्रीफल भी चढ़ाना चाहिए।
- निर्जला एकादशी पर पूजन के दौरान भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करना शुभ माना गया है, मान्यता है कि ऐसा करने से व्रती को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
- यदि आप समस्याओं से घिरे रहते हैं तो आप पूजा के दौरान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को गुड़ से बनी खीर अर्पित करें। माना जाता है कि श्रीहरि और माता को खीर प्रिय है। ऐसा करने से वे प्रसन्न होते हैं और व्रती को तमाम समस्याओं से छुटकारा मिलता है। भगवान को खंडित यानी टूटे चावल की खीर नहीं चढ़ाना चाहिए।
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