Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह है सबसे अच्छा दिन, जानिए तिथि

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प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है। प्रदोष व्रत 20 जून को रखा जाएगा।

By Ekta Sharma

Publish Date: Tue, 04 Jun 2024 02:45:02 PM (IST)

Updated Date: Tue, 04 Jun 2024 02:45:02 PM (IST)

जून माह में प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है?

HighLights

  1. दूसरा प्रदोष व्रत 20 जून को रखा जाएगा।
  2. इस दिन माता पार्वती का श्रृंगार करें।
  3. महादेव को प्रिय चीजों का भोग लगाएं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, साथ ही मनोकामना पूर्ति होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जून माह में पड़ने वाले दूसरे प्रदोष की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

प्रदोष व्रत 2024 तिथि

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 7 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 20 जून को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  • अब मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
  • अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें।
  • अब उन्हें फूलों की माला चढ़ाएं और माता पार्वती का श्रृंगार करें।
  • शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
  • इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में महादेव को प्रिय चीजों का भोग लगाएं और प्रसाद लोगों में बांट दें।

इन मंत्रों का करें जाप

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।

उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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