हिंदू पंचांग के अनुसार, मई में पंचक 2 मई दिन गुरुवार को दोपहर 2:32 पर शुरू होगा और 6 मई, मंगलवार को शाम 5:43 बजे तक रहेगा।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 29 Apr 2024 01:21 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Apr 2024 01:23 PM (IST)
HighLights
- पंचक के दिनों में शव को जलाने से बचना चाहिए।
- पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए तो उस शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर अर्थी के साथ रखने चाहिए।
- इस दौरान गृह निर्माण के कार्य की भी शुरुआत नहीं करना चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ अवधि माना जाता है। हर हिंदू माह में कुछ दिन पंचक के होते हैं और इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। हर माह में करीब 5 दिन का समय पंचक का होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मई में पंचक 2 मई दिन गुरुवार को दोपहर 2:32 पर शुरू होगा और 6 मई, मंगलवार को शाम 5:43 बजे तक रहेगा। इन दौरान ही 3 बड़े पर्व व त्योहार भी मनाए जाएंगे, जिसमें वरुथिनी एकादशी, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि शामिल हैं।
मई में शुरू होंगे अग्नि पंचक
2 मई के बाद मुंडन, गृह प्रवेश या नए वाहन की खरीदी जैसे शुभ कार्य को रोक दें। ऐसा करने से परिणाम नकारात्मक देखने को मिल सकते हैं। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, पंचक 5 तरह के होते हैं, जिनमें सोमवार को शुरू होने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है और शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। वहीं शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक और रविवार को शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है।
पंचक में नहीं करें ये काम
पंचक के दिनों में शव को जलाने से बचना चाहिए। पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाए तो उस शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर अर्थी के साथ रखने चाहिए और फिर विधि-विधान के साथ दाह संस्कार करें। इस दौरान गृह निर्माण के कार्य की भी शुरुआत नहीं करना चाहिए। पंचक के दौरान नया पलंग या खटिया भी नहीं बनवाना चाहिए। इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’