Chaitra Purnima 2024 Date: चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को, इन मुहूर्त में करें स्नान व दान, जानें क्या है महत्व

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Chaitra Purnima 2024 Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल सुबह 03.25 बजे शुरू होगी, वहीं इस तिथि का समापन 24 अप्रैल सुबह 05.18 बजे होगा।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Fri, 19 Apr 2024 11:24 AM (IST)

Updated Date: Fri, 19 Apr 2024 11:51 AM (IST)

शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा पाठ कर मंत्र जाप करें।

HighLights

  1. सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान करें।
  2. चैत्र पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  3. भगवान विष्णु की विधि अनुसार पूजा करें। पूजा के दौरान खीर का भोग जरूर लगाएं।

धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Purnima 2024 Date: सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है और यह तिथि गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्रि के बाद आती है। देश में कुछ स्थानों पर इसे चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा इस साल 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है। यदि विधि विधान से पूजा की जाती है तो जातकों को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

चैत्र पूर्णिमा पर स्नान व दान का मुहूर्त (Chaitra Purnima Snan Daan Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल सुबह 03.25 बजे शुरू होगी, वहीं इस तिथि का समापन 24 अप्रैल सुबह 05.18 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 23 अप्रैल को होगा।

  • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.53 बजे से दोपहर 12.46 बजे तक
  • चंद्रोदय – शाम 06.25 बजे
  • चंद्र देव की पूजा का समय – शाम 06.25 बजे के बाद
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    ऐसे करें चैत्र पूर्णिमा पर पूजा (Chaitra Purnima 2024 Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान करें।
    • चैत्र पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
    • भगवान विष्णु की विधि अनुसार पूजा करें।
    • पूजा के दौरान खीर का भोग जरूर लगाएं।
    • शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा पाठ कर मंत्र जाप करें।
    • चंद्र देव की पूजा भी शाम को मुहूर्त के दौरान करें
    • इस शुभ दिन पर डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज, हरिद्वार व ऋषिकेश जैसे पवित्र स्थानों पर जाना सबसे ज्यादा पुण्यदायी होता है।

    डिसक्लेमर

    ‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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