Chaitra Navratri 2024 Day 2: मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है नवरात्र का दूसरा दिन, जानिए इनका स्वरूप और पूजा विधि


धार्मिक मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। शास्त्रों में मां ब्रह्मचारिणी की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Tue, 09 Apr 2024 05:28 PM (IST)

Updated Date: Tue, 09 Apr 2024 05:28 PM (IST)

नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है।

HighLights

  1. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
  2. मां की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  3. मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री से बनी मिठाई बहुत पसंद है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Chaitra Navratri 2024 Day 2: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। साथ ही मनोकामना पूर्ति के लिए इस दिन मां के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। शास्त्रों में मां ब्रह्मचारिणी की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर आप भी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस विधि-विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप कैसा है।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

सनातन शास्त्रों में निहित है कि नवरात्र के दूसरे दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थिर होता है। मां की महिमा अनोखी है। उनके चेहरे पर एक दीप्तिमान आभा दिखाई देती है। इससे सारा संसार जगमगा उठता है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल है। मां की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है।

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि

नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्म बेला में उठें। मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें। अपने दैनिक कार्य समाप्त करने के बाद गंगा जल मिश्रित जल से स्नान करें। इस समय आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। इसके बाद नए वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। अब फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चंदन, कुमकुम आदि से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री से बनी मिठाई बहुत पसंद है। उन्हें लाल फल, चीनी और मिश्री का भोग लगाएं। पूजा के अंत में आरती करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। पूरे दिन निराहार रहें। शाम को आरती करें और फलाहार करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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