ज्येष्ठ माह के मंगलवारों को बड़ा मंगल कहा गया है। इसका संबंध त्रेतायुग और द्वापरयुग से माना गया है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
By Bharat Mandhanya
Publish Date: Mon, 10 Jun 2024 03:49:49 PM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Jun 2024 03:49:49 PM (IST)
HighLights
- त्रेता व द्वापरयुग जुड़ा है बड़ा मंगल का महत्व
- इस दिन बजरंगबली का करना चाहिए पूजन
- 11 जून को है माह का तीसरा बड़ा मंगल
Bada Mangal Puja Vidhi धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह में कई व्रत-त्योहार है, इनमें से एक बड़ा मंगल भी है। बड़ा मंगल ज्येष्ठ माह में आने वाले मंगलवारों को कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान हनुमान प्रसन्न मुद्रा में रहते हैं और वे भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। 11 जून को ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल है। यह मंगलवार साल में आने वाले अन्य मंगलवारों से काफी विशेष है। इसलिए इसे बड़ा मंगल कहा गया है।
बड़ा मंगल पर ऐसे करें भगवान हनुमान का पूजन
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि एवं नित्यकर्मों से निवृत्त होकर बजरंगबली को चोला अर्पित करें।
क्यों शुभ है बड़ा मंगल?
बड़ा मंगल का संबंध त्रेतायुग और द्वापरयुग से माना जाता है, इसको लेकर दो पौराणिक मान्यताएं हैं।
पहली मान्यता
पहली मान्यता का त्रेता युग से जुड़ी है। इसके अनुसार भगवान राम और हनुमान की प्रथम भेंट ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुई थी। इसलिए इस माह के मंगलवारों को बड़ा मंगल गया है।
दूसरी मान्यता
दूसरी मान्यता का संबंध द्वापरयुग के महाभारत काल से है। मान्यता है कि जब महाबली भीम को अपने बल पर अहंकार हुआ तो इसे तोड़ने के लिए भगवान हनुमान ने वृद्ध का रूप धारण किया था। हनुमान के वृद्ध रूप लेने के कारण इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है।
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