समुद्र का बढ़ता जलस्तर और तुवालू द्वीप


समुद्र का बढ़ता जलस्तर और तुवालू द्वीप

स्रोत: द हिंदू 

हाल के दिनों में, 11,000 निवासियों वाला प्रशांत महासागर में स्थित तुवालू, समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण गंभीर रूप से खतरे का सामना कर रहा है। 

  • नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि वर्ष 2050 तक तुवालू के मुख्य एटोल, फुनाफुटी का आधा हिस्सा रोज़ाना आने वाले ज्वार के कारण पानी में डूब जाएगा।
  • समुद्र का खारा पानी जमीन में मिल जाने से वहाँ की फसलें खराब हो रही हैं तथा भोजन के लिये वहाँ के लोग वर्षा जल टैंकों और केंद्रीय उद्यान पर निर्भर रहने को मज़बूर हो गए है।
    • तुवालू 2100 तक प्रभाव को टालने के लिये समुद्री दीवारों का निर्माण तथा कृत्रिम भूमि का विस्तार कर रहा है।

  • ऑस्ट्रेलिया के साथ वर्ष 2023 की जलवायु और सुरक्षा संधि प्रतिवर्ष 280 तुवालूवासियों के लिये प्रवास मार्ग प्रदान करती है। 
  • राजस्व की हानि और अवैध मत्स्य संग्रहण से चिंतित तुवालू चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र उसकी संप्रभुता एवं समुद्री सीमाओं को मान्यता प्रदान करे, भले ही वे जलमग्न हों।
  • तुवालू:
    • यह पश्चिम-मध्य प्रशांत महासागर में, हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच में स्थित है।
    • इसकी राजधानी फुनाफुटी है, तथा इसके उत्तर में किरिबाती और नौरू/नाउरू तथा दक्षिण में  फिजी इसका निकटतम पड़ोसी द्वीप है।
    • इसमें 3 मुख्य द्वीप समूह नानुमंगा (Nanumanga), निउताओ (Niutao) और निउलकिता (Niulakita) तथा 6 प्रवाल द्वीप (जैसे फुनाफुटी, नानूमिया (Nanumea), नुई (Nui) के साथ-साथ 100 से अधिक छोटे द्वीप शामिल हैं।

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