दक्षिण अफ्रीका द्वारा शेरों का कैप्टिव ब्रीडिंग समाप्त


दक्षिण अफ्रीका द्वारा शेरों का कैप्टिव ब्रीडिंग समाप्त

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हाल ही में दक्षिण अफ्रीका ने ट्रॉफी शिकार (विशेष जानवरों जैसे-हाथी, शेर, गेंडा, भालू इत्यादि का मनोरंजन के उद्देश्य से किया गया शिकार) पर चिंताओं के कारण शेरों (पैंथेरा लियो) के कैप्टिव ब्रीडिंग को समाप्त करने का निर्णय लिया है और पारंपरिक चीनी चिकित्सा पद्धति में शेर की हड्डियों का उपयोग वन्यजीव संरक्षण में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

शेरों के प्रमुख लक्षण क्या हैं? 

  • उप-प्रजाति: शेर को दो उप-प्रजातियों में विभाजित किया गया है: अफ्रीकी शेर (Panthera leo leo) और एशियाई शेर (Panthera leo persica)।
    • अफ्रीकी शेर अधिकांश अफ्रीकी महाद्वीप में फैले हुए थे, लेकिन अब केवल उप-सहारा अफ्रीका में भी पाए जाते हैं, जिनमें से 80% पूर्वी या दक्षिणी अफ्रीका में पाए जाते हैं।
    • हालाँकि शेरों की दोनों उप-प्रजातियाँ लगभग समान दिखती हैं, फिर भी इनमें कुछ अंतर हैं।
      • अफ्रीकी शेरों की तुलना में नर एशियाई शेरों के अयाल विरल और छोटे होते हैं।
      • इसके अतिरिक्त, नर और मादा दोनों एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों से छोटे होते हैं।

  • आवास: वे रात में सबसे अधिक सक्रिय होते हैं तथा विभिन्न प्रकार के आवासों में रहते हैं लेकिन घास के मैदान, सवाना, घने झाड़ियों और खुले वुडलैंड को पसंद करते हैं।
  • सामाजिक संरचना: शेर सबसे बड़ी सामाजिक बिल्ली प्रजाति हैं,जो प्राइड (prides) नामक समूहों में रहते हैं।
    • एक प्राइड में आमतौर पर कई संबंधित मादाएँ, उनके शावक और कुछ वयस्क नर शामिल होते हैं।
    • शेरनियाँ प्राथमिक शिकारी होती हैं, जबकि प्रमुख शेर प्राइड के क्षेत्र की रक्षा के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।

  • शिकार और आहार: शेर शीर्ष शिकारी होते हैं और मुख्य रूप से वाइल्डबीस्ट, ज़ेबरा तथा मृग जैसे बड़े खुरों वाले जानवरों का शिकार करते हैं।
    • वे आमतौर पर शिकार को पकड़ने के लिये अपनी चपलता और अपने समूह के सहयोग से शिकार करते हैं।
    • इसके अतिरिक्त शेर अवसरवादी भक्षक होते हैं और मौका मिलने पर शिकार करने से नहीं हिचकिचाते, अक्सर अन्य शिकारियों से शिकार चुरा लेते हैं।

  • खतरा:
    • उन्हें निवास स्थान ककी हानि और विखंडन से लेकर जलवायु परिवर्तन एवं उपलब्ध शिकार में कमी जैसे कई खतरों का सामना करना पड़ता है।
    • उन्हें ट्रॉफी शिकारियों द्वारा भी निशाना बनाया जाता है।
      • ट्रॉफी शिकार का एक रूप है जहाँ प्राथमिक आवश्यकता हेतु जानवरों को उनके शरीर के अंगों, जैसे सींग, दाँत या खाल के लिये मारा जाता है, जिन्हें बाद में ट्रॉफी या स्मृति चिन्ह के रूप में (और मुख्य रूप से भोजन के रूप में नहीं) रखा जाता है।

  • संरक्षण की स्थिति:

नोट: 

  • भारत में, प्रोजेक्ट लॉयन संरक्षण और पर्यावरण-विकास को एकीकृत करके गुजरात में एशियाई शेर के परिदृश्य पारिस्थितिकी आधारित संरक्षण की परिकल्पना करता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार ने 40 वयस्क और उप-वयस्क शेरों को राज्य के बर्दा वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है।




  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019) 

  1. एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाए जाते हैं।
  2. दो-कूबड़ वाला ऊँट प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
  3. एक सींग वाला गैंडा प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


प्रश्न 2: हाल ही में कुछ शेरों को गुजरात के उनके प्राकृतिक आवास से निम्नलिखित में से किस स्थल पर स्थानांतरित किये जाने का प्रस्ताव था? (2017)

(a) कॉर्बेट नेशनल पार्क
(b) कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य
(c) मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य
(d) सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

उत्तर: (b)

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