प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, न करें अनदेखी | signs of dehydration in pregnancy third trimester in hindi


Dehydration In Pregnancy Third Trimester: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में तरह-तरह के बदलाव होते हैं। विशेषकर, प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं को कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है। समय-समय के साथ-साथ यह सब सामान्य हो जाता है। लेकिन, प्रेग्नेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही में भी शरीर में कई ऐसे चेंजेस होते हैं, जो महिलाओं के शरीर के तरह-तरह की परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। इसलिए, इस दौरान भी महिलाओं को अपनी सेहत का विश्ेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर, प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में महिलाओं को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान किसी तरह की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह मां और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इस लेख में आप जानेंगे कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन होने पर किस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस बारे में हमने  वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन के लक्षण- Signs Of Dehydration In Pregnancy Third Trimester In Hindi

डार्क यूरिन होना

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अगर महिला को डिहाइड्रेशन हो जाता है, तो उनका यूरिन का कलर यानी पेशाब का रंग बदल जाता है। पेशाब का रंग सामान्य से काफी डार्क हो जाता है। यहां तक कि यूरिन काफी कम मात्रा में निकलता है। ऐसा अगर आपके साथ हो, तो सब समझ लीजिए कि आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो चुकी हैं।

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चक्कर आना

प्रेग्नेंसी के दौरान मुंह सूखना एक आम समस्या है। जब यह स्थिति एक्स्ट्रीम हो जाती है, तो इसे डिहाइड्रेशन से जोड़कर देखा जाता है। डिहाइड्रेशन के दौरान न सिर्फ पेशाब का रंग और क्वांटिटी प्रभावित होती है, बल्कि कई महिलाओं का गला बहुत ज्यादा सूख जाता है और चक्कर आने लगते हैं। चक्कर आने का मतलब है कि व्यक्ति को हर चीज घूमती हुई नजर आ सकती है, आंखों से धुंधला नजर आने लगता है और खुद को स्थिर रखने में दिक्कतें आती है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में यह कंडीशन सही नहीं है। ऐसा होने पर महिला के गिरने का रिस्क बढ़ जाता है। गिरने से मिसकैरेज हो सकता है।

4 से कम बार पेशाब आना

डिहाइड्रेशन का एक संकेत होता है, 4 से कम बार पेशाब करना। दरअसल, डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जबकि, माना जाता है कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कई महिलाओं को फ्रीक्वेंटली पेशाब आता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु का भार बढ़ जाता है। इससे ब्लैडर पर दबाव बनता है। ऐसे में महिला को बार-बार यूरिन की फीलिंग बनी रहती है। लेकिन, पेशाब की मात्रा भी कम हो जाती है। हालांकि, यूरिन का कलर सामान्य रहता है और इसमें किसी प्रकार की गंध भी भी नहीं आती है। इसके उलट, प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन होने पर न सिर्फ पेशाब से गंध आती है, बल्कि महिला 4 या इससे कम बार यूरिन पास करती है।

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यूरिन इंफेक्शन होना

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अगर महिला कम यूरिन पास करती है, तो ऐसे में ब्लैडर इंफेक्शन हो सकता है। दरअसल, ऐसा होने के पीछे इंटीमेट हाईजीन का सही तरह से ध्यान न रखना होता है। वास्तव में, प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में जब महिला कम पानी पीती है, तो ऐसी कंडीशन में यूरिन लंबे समय तक ब्लैडर में अटका रहता है। इस तरह की सिचुएशन के कारण ब्लैडर इंफेक्शन हो सकता है। नतीजतन, यूरिन पास करते समय योनि में जलन होने लगती है

कब्ज की समस्या होना

कब्ज होने का एक मुख्य कारण डिहाइड्रेशन को भी माना जाता है। वैसे भी प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कब्ज की समस्या बनी रहती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु के भार के कारण बाउल मूवमेंट बाधित होता है। अगर महिला नियमित रूप से पानी नहीं पीती है या डिहाइड्रेट रहती है, तो यह उनके लिए सही नहीं है। ऐसे में कब्ज हो सकता है और मल त्यागने की प्रक्रिया काफी कठिन हो सकती है।

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए क्या करें?- How To Treat Dehydration In Pregnancy Third Trimester

  • इन दिनों ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
  • कोशिश करें कि अपनी डाइट में ताजे फल शामिल करें। इनमें पर्याप्त मात्रा में पानी होता है, जिससे शरीर में पानी का स्तर मैनेज रहता है।
  • ऐसी चीजें न खाएं, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। इन दिनों कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए धूप में न निकलें। जितना संभव हो, घर में रहें। लेकिन पानी पीती रहें।
  • अगर आप रेगुलर एक्सरसाइज करती हैं, तो बेहतर होगा कि इंडोर एक्सरसाइज को ही महत्व दें

All Image Credit: Freepik



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