Sebi speeds up bonus-issue process, shares to be made available for trading on T+2 from October 1 | बोनस-शेयर्स अब रिकॉर्ड डेट के तीसरे दिन मिल जाएंगे: सेबी का नया T+2 ट्रेडिंग नियम 1-अक्टूबर से लागू होगा, अभी दो हफ्ते का समय लगता है


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मुंबई10 मिनट पहले

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1-अक्टूबर या उसके बाद अनाउंस किए जाने वाले सभी बोनस इश्यू यानी शेयर्स अब रिकॉर्ड डेट से दो दिन बाद ट्रेडिंग के लिए अवेलेबल कराए जाएंगे। अभी तक ऐसे इश्यू के शेयर्स रिकॉर्ड डेट से लगभग दो सप्ताह बाद ही अवेलेबल होते हैं।

रिकॉर्ड डेट, वो कटऑफ डेट है, जिस पर इश्युअर कंपनी यह फैसला लेने के लिए विचार करती है कि कौन से शेयरहोल्डर्स बोनस इश्यू के लिए एलिजिबल हैं। सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने 16 सितंबर को जारी एक सर्कुलर में बताया कि बोनस शेयरों की T+2 ट्रेडिंग को इनेबल कर दिया गया है, जहां T का मतलब रिकॉर्ड डेट है।

सर्कुलर में इसके लिए प्रोसीजर की डीटेल्स दी गई है और कहा गया है कि प्रोसेस में मेंशन टाइमलाइन के कंप्लायंस में किसी भी प्रकार की देरी पर सेबी सर्कुलर SEBI/HO/CFD/DIL2/CIR/P/2019/94 डेटेड 19 अगस्त 2019 के पॉइंट 4.1 के तहत पेनल्टी लगाई जाएगी, जो ‘SEBI ICDR रेगुलेशंस के कुछ प्रोविजंस के नॉन-कंप्लायंस’ पर है।

प्रोसीजर इस प्रकार है –

  1. बोनस इश्यू प्रस्तावित करने वाली इश्युअर कंपनी को बोनस इश्यू को मंजूरी देने वाली बोर्ड मीटिंग की डेट से 5 वर्किंग डे के भीतर स्टॉक एक्सचेंज में सेबी (LODR) रेगुलेशंस 2015 के रेगुलेशन 28(1) के तहत इन-प्रिंसिपल अप्रूवल के लिए अप्लाई करना होगा।
  2. प्रस्तावित बोनस इश्यू के लिए सेबी (LODR) रेगुलेशंस 2015 के रेगुलेशन 42(1) के तहत एक्सपेक्टेड रिकॉर्ड डेट (T-day) को तय करने और स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करते समय जारीकर्ता कंपनी, रिकॉर्ड डेट (T+1 day) की अगली वर्किंग डेट को अलॉटमेंट की मानी गई डेट को भी रिकॉर्ड में दर्ज करेगा।
  3. जारीकर्ता कंपनी से रिकॉर्ड डेट (T Day) और एक्सपेक्टेड डॉक्यूमेंट्स की सूचना प्राप्त होने पर, स्टॉक एक्सचेंज रिकॉर्ड डेट को स्वीकार करते हुए और बोनस इश्यू में विचार किए गए शेयरों की संख्या को अधिसूचित करते हुए नोटिफिकेशन जारी करेगा। नोटिफिकेशन में अलॉटमेंट की एक्सपेक्टेड डेट (T+1 day) शामिल होगी।
  4. रिकॉर्ड डेट की स्वीकृति के लिए स्टॉक एक्सचेंज द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के बाद, जारीकर्ता कंपनी रिकॉर्ड डेट के अगले वर्किंग डे (यानी T+1 day) के दोपहर 12 बजे तक डिपॉजिटरी सिस्टम में बोनस शेयरों को जमा करने के लिए डिपॉजिटरी को जरूरी डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करेगी।
  5. जारीकर्ता कंपनी डिपॉजिटरी के DN डेटाबेस में डिस्टिंक्टिव नंबर (DN) रेंज को अपलोड करना सुनिश्चित करेगी और स्टॉक एक्सचेंज बोनस शेयरों के क्रेडिट से पहले रिलेवेंट डेट्स को अपडेट करना सुनिश्चित करेगा।
  6. बोनस इश्यू के तहत अलॉटेड शेयर्स अलॉटमेंट की अगली वर्किंग डेट (T+2 day) को ट्रेडिंग के लिए अवेलेबल कराए जाएंगे।

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