नव निगमित फर्मों द्वारा राजनीतिक अंशदान
स्रोत: द हिंदू
तीन वर्ष से कम पुरानी कंपनियों को राजनीतिक अंशदान (Political Contribution) देने से रोकने वाले नियमों के बावजूद, हालिया आँकड़ों से भारत में नव निगमित कंपनियों द्वारा चुनावी बॉण्ड की चौंकाने वाली खरीद का पता चलता है।
- कंपनी अधिनियम, 2013 तीन वर्ष या उससे कम अवधि के अंतर्गत पंजीकृत हुई कंपनियों को राजनीतिक अंशदान देने से रोकता है, जिसका उद्देश्य शेल कंपनियों को राजनीतिक दलों में अंशदान देने से रोकना है।
- 2017 के संशोधन ने योगदान पर लगी सीमा को हटा दिया लेकिन तीन वर्ष के निषेध को बरकरार रखा।
- कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 182 में उल्लंघन के लिये दंड की रूपरेखा दी गई है, जिसमें अधिकारियों के लिये ज़ुर्माना और कारावास शामिल है।
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