पेरिस ज़िंक रूफर्स
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में फ्राँसीसी संस्कृति मंत्रालय ने पेरिस में ज़िंक रूफिंग पेशे को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) सूची के लिये नामित किया, जिसमें शिल्प कौशल पर प्रकाश डाला गया।
- ज़िंक की छतें लगभग 200 वर्षों से पेरिस की वास्तुकला का अभिन्न अंग रही हैं, जिसके तहत भवनों के निर्माण में व्यापक रूप से 21.4 मिलियन वर्ग मीटर ज़िंक-रूफ का योगदान है।
- ज़िंक की छतें पेरिस की भव्यता का हिस्सा हैं, लेकिन खराब इन्सुलेशन/तापावरोधन के कारण इमारतें गर्म हो जाती हैं, इस कारण इसकी आलोचना भी की जाती है; क्योंकि ज़िंक की छतें ऊष्मा के अवशोषण को बढ़ाती हैं जिससे आंतरिक तापमान में वृद्धि हो जाती है।
- यूनेस्को की ICH सूची में ऐसे ज्ञान और कौशल शामिल हैं, जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं, जैसे: वाचिक /मौखिक परंपराएँ, प्रदर्शन कलाएँ, सामाजिक प्रथाएँ, अनुष्ठान, उत्सव, पारंपरिक शिल्प तथा समकालीन ग्रामीण व शहरी प्रथाएँ।
- यूनेस्को ICH सूची में भारत के कुल 15 तत्त्व अंकित हैं।
यूनेस्को में भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची:
सूची
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अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्त्व
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यूनेस्को हेरिटेज नामांकन का वर्ष
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1.
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कुटियाट्टम, संस्कृत रंगमंच
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2008
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2.
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वैदिक मंत्रोच्चार की परंपरा
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2008
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3.
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रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन
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2008
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4.
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राममन, गढ़वाल हिमालय, भारत का धार्मिक उत्सव और अनुष्ठानिक रंगमंच
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2009
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5.
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छऊ नृत्य
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2010
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6.
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राजस्थान के कालबेलिया लोकगीत और नृत्य
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2010
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7.
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मुदियेट्टू, केरल का अनुष्ठानिक रंगमंच और नृत्य नाटक
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2010
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8.
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लद्दाख का बौद्ध मंत्रोच्चार: ट्रांस-हिमालयी में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ
लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत
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2012
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9.
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मणिपुर का संकीर्तन, अनुष्ठानिक गायन, ढोल वादन और नृत्य
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2013
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10.
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जंडियाला गुरु, पंजाब, भारत के ठठेरों के बीच बर्तन बनाने का पारंपरिक पीतल और ताँबे का शिल्प
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2014
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11.
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नवरोज़
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2016
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12.
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योग
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2016
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13.
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कुंभ मेला
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2017
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14.
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कोलकाता में दुर्गा पूजा
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2021
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15.
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गुजरात का गरबा
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2023
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