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नई दिल्ली1 घंटे पहले
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF के नए रूल्स 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहे हैं। पिछले महीने फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने पोस्ट ऑफिसों के जरिए खोले गए मौजूदा पब्लिक प्रोविडेंट अकाउंट्स को सुव्यवस्थित करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी।
PPF रूल्स में नए चेंजेस माइनर्स यानी नाबालिगों के नाम पर खोले गए PPF अकाउंट्स, एक से ज्ययादा PPF अकाउंट्स और पोस्ट ऑफिसों के जरिए नेशनल सेविंग स्कीम्स के तहत नॉन रेजिडेंट इंडियंस (NRIs) के PPF अकाउंट्स के एक्सटेंशन यानी विस्तार से जुड़े हैं।
PPF अकाउंट्स के लिए रूल्स बदले
माइनर्स के नाम पर खोले गए PPF अकाउंट्स
- माइनर्स के नाम पर खोले गए PPF अकाउंट्स के लिए रिवाइज्ड रूल्स के अनुसार, इन खातों पर नाबालिग को 18 साल की आयु तक पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट (POSA) वाला ब्याज मिलता रहेगा।
- ऐसे अकाउंट्स के मैच्योरिटी पीरियड का कैलकुलेशन माइनर के एडल्ट होने की डेट से किया जाएगा। यानी वो डेट जिससे व्यक्ति अकाउंट खोलने के लिए एलिजिबल हो जाता है।
एक से ज्यादा PPF अकाउंट्स
- किसी भी पोस्ट ऑफिस या एजेंसी बैंक में निवेशक के प्राइमरी अकाउंट पर स्कीम रेट के अनुसार ब्याज मिलेगा। हालांकि, इसमें शर्त यह है कि डिपॉजिट अमाउंट ईयरली सीलिंग लिमिट से ज्यादा न हो।
- अगर दूसरे अकाउंट में बैलेंस है, तो उसे प्राइमरी अकाउंट के साथ जोड़ दिया जाएगा, इसमें शर्त यह है कि टोटल अमाउंट एनुअल इन्वेस्टमेंट लिमिट के भीतर रहे।
- दोनों अकाउंट्स को जोड़ने के बाद प्राइमरी अकाउंट पर मौजूदा स्कीम का इंटरेस्ट रेट लागू रहेगा। दूसरे अकाउंट में किसी भी सरप्लस फंड पर 0% इंटरेस्ट रेट से रिंबर्समेंट किया जाएगा।
एडिशनल अकाउंट पर 0% इंटरेस्ट रेट
- प्राइमरी और सेकंड अकाउंट के अलावा किसी भी एडिशनल अकाउंट पर, खाता खोलने की डेट से 0% इंटरेस्ट रेट मिलेगा।
NRIs के PPF अकाउंट्स
- 1968 की पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम के अंतर्गत खोले गए एक्टिव PPF अकाउंट्स वाले NRIs के लिए जब फॉर्म H में अकाउंट होल्डर के रेजीडेंसी स्टेटस के बारे में पूछताछ नहीं की गई थी।
- इसलिए, इन अकाउंट्स पर लागू इंटरेस्ट रेट 30 सितंबर 2024 तक POSA गाइडलाइंस के अनुसार रहेगा। इसके बाद, अकाउंट्स पर 0% रेट से इंटरेस्ट मिलना शुरू हो जाएगा।
पॉपुलर फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है PPF पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), केंद्र सरकार से सपोर्टेड एक पॉपुलर फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है, जिसे निवेशकों को अट्रैक्टिव लॉन्ग-टर्म लाभ प्रोवाइड करते हुए सेविंग और इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह EEE (एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट) कैटेगरी के अंतर्गत काम करता है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इन्वेस्टेड प्रिंसिपल, अर्जित ब्याज और फाइनल मैच्योरिटी अमाउंट- सभी इनकम टैक्स एक्ट 1961 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार टैक्सेशन से मुक्त हैं।
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