kyon menstrual period 1-2 din me khatam ho jate hain.1-2 दिन में ही क्यों खत्म हो जाते हैं पीरियड।


मासिक धर्म की स्थिति सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है। मगर कुछ चीजें इसमें कॉमन होती हैं। जैसे माहवारी का एक खास अवधि तक चलना। पर क्या इससे कम या ज्यादा होना किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है? आइए जानते हैं-

प्यूबर्टी (Puberty) में आने वाले पहले मासिक धर्म से लेकर मेनोपॉज (Menopause) तक मेंस्ट्रुअल पीरियड (Menstrual period) की अवधि और फ्लो बदलता रहता है। प्रेगनेंसी से पहले और प्रसव के बाद भी इसमें बदलाव देखा जा सकता है। मगर कुछ महिलाओं की शिकायत होती है कि उन्हें इन दिनों पीरियड सिर्फ एक या दो दिन में ही खत्म हो जाते हैं। वे जानना चाहती हैं कि यह स्थिति सामान्य है या यह किसी अंतर्निहीत स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करता है। आपके इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने डॉ. एल एच हीरानंदानी अस्पताल, पवई मुंबई में कंसल्टेंट ओब्स्टेट्रीशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनीता सोनी से संपर्क किया। आइए जानते हैं कम दिन पीरियड आना नॉर्मल (cause of shorter periods) है या नहीं।

क्या है सामान्य माहवारी (Natural period)?

ओब्स्टेट्रीशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनीता सोनी बताती हैं, ‘एक सामान्य माहवारी लगभग हर 28 दिनों में एक बार आती है। यह अक्सर अलग-अलग होता है। कुछ महिलाओं को हर 21 दिनों में पीरियड होता है, जबकि अन्य को 35 दिनों के अंतराल पर यह होता है। इसमें हर महिला अलग होती है।
ज्यादातर महिलाओं को हर महीने लगभग तीन से पांच दिन तक पीरियड होता है। केवल दो दिन तक चलने वाला या सात दिनों तक चलने वाला पीरियड भी सामान्य माना जाता है। अगर माहवारी आमतौर पर कई दिनों तक चलती है और अचानक बहुत कम हो जाती है, तो यह कई कारणों से हो सकता है।

क्यों कम हो जाती है मासिक धर्म की अवधि (low period)

डॉ. अनीता सोनी बताती हैं, ‘अचानक पीरियड 1-2 दिन में खत्म होने लग सकते हैं। ऐसा होने पर सबसे पहला ध्यान गर्भ ठहरने का आता है। यह इसका शुरुआती संकेत हो सकता है। सामान्य से कम मासिक धर्म के बारे में कोई महिला चिंतित हो सकती है। ऐसा अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। वे यह पता लगाने में मदद कर सकते हैं कि परिवर्तन किस कारण से ट्रिगर हो रहा है।
आवश्यक होने पर उपचार शुरू हो सकता है। कभी-कभार कुछ अन्य कारणों से भी पीरियड 1-2 दिन में खत्म हो सकते हैं। इनमें लाइफस्टाइल, बर्थ कंट्रोल या कोई अन्य मेडिकल कंडीशन भी शामिल हो सकती है।

period 1-2 din me khatam ho sakte hain.
अचानक पीरियड 1-2 दिन में खत्म होने लग सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

मासिक धर्म अवधि कम होने के लिए जिम्मेदार कारण (Know why your menstrual period is over in one or two days) 

1 प्रेगनेंसी (Pregnancy)

डॉ. अनीता सोनी के अनुसार, गर्भावस्था के कारण शुरुआत में पीरियड केवल एक या दो दिनों तक चल सकता है। जब फर्टिलाइज़ अंडा गर्भाशय की परत से जुड़ता है, तो इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो सकती है। यह सामान्य पीरियड की तुलना में हल्की होती है। यह अक्सर लगभग 24 से 48 घंटे तक रहता है। इसका कलर गहरे भूरे रंग का हो सकता है। यह सभी महिलाओं में नहीं होता है।

2 एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic pregnancy)

जब फर्टिलाइज़ अंडा गर्भाशय की बजाय फैलोपियन ट्यूब, ओवरी या सरविक्स से जुड़ जाता है। इसे ट्यूबल गर्भावस्था कहा जाता है। एक्टोपिक गर्भावस्था में वेजाइनल ब्लीडिंग और पैल्विक पेन होता है। अगर अंडा फैलोपियन ट्यूब में बढ़ता रहता है, तो यह ट्यूब के फटने का कारण बन सकता है। इससे पेट के अंदर भारी रक्तस्राव हो सकता है। इससे एनल प्रेशर और मिसकैरेज बी हो सकता है।

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3 स्तनपान (Breastfeeding)

यदि कोई मां बच्चे को ब्रेस्ट फीड करा रही है, तो उसके पीरियड में देरी, हल्का या छोटा हो सकता है। स्तन के दूध को बनाने में मदद करने वाला प्रोलैक्टिन हार्मोन पीरियड (Period) को होने से भी रोकता है। स्तनपान कराने वाली ज़्यादातर महिलाओं में शिशु के जन्म के लगभग 9 से 18 महीने बाद पीरियड फिर से शुरू हो जाता है।

स्तन के दूध को बनाने में मदद करने वाला प्रोलैक्टिन हार्मोन पीरियड को होने से भी रोकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव और अन्य दवाएं (Oral contraceptives and other medicines)

हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स या शॉट्स के साथ-साथ गर्भाशय के अंदर डाले जाने वाले उपकरण (IUD) छोटे और हल्के मेंस्ट्रुअल साइकिल का कारण बन सकते हैं। गोलियों में मौजूद हार्मोन गर्भाशय की परत को पतला कर सकते हैं। यह माहवारी को हल्का और छोटा कर सकता है। जो महिला प्रोजेस्टिन पिल्स लेती हैं, उन्हें ब्लीडिंग हो सकती है।
खून को पतला करने वाली दवा, एंटीडिप्रेसेंट, स्टेरॉयड और जिनसेंग जैसे हर्ब भी फ्लो कम कर सकते हैं। टैमोक्सीफेन (कुछ प्रकार के स्तन कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा)भी फ्लो कम कर सकते हैं।

5 तनाव (Stress) 

लाइफस्टाइल कारक तनाव का हाई लेवल हार्मोन को प्रभावित कर सकता है। यह बदले में पीरियड को प्रभावित कर सकता है। यदि आप गंभीर तनाव का अनुभव कर रही हैं, तो आपको छोटे या हल्के मासिक धर्म हो सकते हैं। तनाव के स्तर में कमी आने के बाद पीरियड सामान्य हो जाता है।

6 वजन में उल्लेखनीय कमी (Weight loss)

बहुत अधिक वजन कम होने से अनियमित पीरियड हो सकता है। एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया नर्वोसा जैसे ईटिंग डिसऑर्डर (Eating disorder) माहवारी को पूरी तरह से बंद कर सकते हैं। अत्यधिक एक्सरसाइज भी अनियमित माहवारी का कारण बन सकता है।
यदि पर्याप्त पोषण के साथ ऊर्जा की मात्रा को संतुलित नहीं किया जाता है, तो शरीर में सभी सिस्टम को काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होगी। इसलिए, यह प्रजनन जैसे कुछ कार्यों से ऊर्जा को हटाना शुरू कर देगा।

बहुत अधिक वजन कम होने से अनियमित पीरियड हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

7 मेडिकल कंडीशन (Medical condition)

कुछ प्रकार की चिकित्सा स्थिति मासिक चक्र को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे सामान्य से कम मासिक धर्म हो सकता है। थायरॉयड रोग के कारण शरीर बहुत ज़्यादा या बहुत कम थायरॉयड हार्मोन बनाता है। यह हार्मोन पीरियड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जब शरीर इस हार्मोन की सही मात्रा नहीं बनाता है, तो पीरियड्स और अन्य समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। नींद में परेशानी या बहुत थकान महसूस होना, हृदय की गति सामान्य से ज़्यादा तेज़ या धीमी होना पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के कारण पीरियड बहुत हल्का और छोटा हो सकता है या बिल्कुल नहीं हो सकता है।

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