एक महीने में दो बार पीरियड्स आने के कारण – ek Mahine me do baar periods aane ke kaaran


अनियमित पीरियड महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। कभी-कभी पीरियड की लेंथ बहुत लंबी हो जाती है, तो कभी-कभी वे बहुत कम दिनों के लिए आते हैं। मगर कुछ स्थितियों में आपको एक महीने दो बार पीरियड भी आ सकते हैं।

कई महिलाओं का पीरियड्स अनियमित होता है, जिन्हें कई बार 2 महीने तो कुछ महिलाओं को 3 महीने बाद पीरियड्स आते हैं। पर कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्हें महीने में दो बार पीरियड्स आते हैं (Period twice a month)। वहीं कुछ महिलाओं में पीरियड्स के 10 से 15 दिन के बाद असामान्य ब्लीडिंग होती है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें। पीरियड्स के बीच में असामान्य रूप से ब्लीडिंग होना या एक महीने में दो बार पीरियड्स आना गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है (causes of Period twice a month)।

डॉ. आस्था दयाल, सी के बिरला, गुरुग्राम में स्थित हॉस्पिटल की आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर ने महीने में दो बार पीरियड्स (Period twice a month) आने के संभावित कारण बताएं हैं, तो चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।

इन कारणों से आपको एक महीने में दो बार हो सकते हैं पीरियड (Causes of 2 periods in one month)

डॉ अस्था दयाल कहती हैं “कई महिलाओं के लिए, एक ही महीने में दो बार पीरियड्स (2 periods in one month) होना चिंताजनक और हैरान करने वाला हो सकता है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, कुछ के लिए, यह सामान्य हो सकता है, लेकिन कुछ महिलाओं के केस में, यह गंभीर मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है।”

hormonal imbalnce
कुछ महिलाओं में पीरियड्स के 10 से 15 दिन के बाद असामान्य ब्लीडिंग होती है, जिससे की उनकी बॉडी कमजोर हो जाती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

1. हार्मोनल असंतुलन

हार्मोनल असंतुलन अनियमित मासिक धर्म का एक सामान्य कारण है। मेंस्ट्रूअल साइकिल का रुकना या महीने में दो बार आना थायराइड की समस्या या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी बीमारियों के कारण हो सकता है।

यह भी पढ़ें

2. वजन में उतर-चढ़ाव के कारण

कई बार महिलाएं किसी कारण अत्यधिक स्ट्रेस ले लेती हैं, या एंजाइटी जैसी मानसिक स्थिति का शिकार हो जाती हैं। वहीं महिलाओं में अचानक से वजन में उतर चढ़ाव आ सकता है। तनाव, वजन में उतार-चढ़ाव और अत्यधिक व्यायाम से हार्मोन का स्तर प्रभावित हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पीरियड्स अनियमित हो सकता है। यदि 1 महीने में दो बार पीरियड्स आ रहे हैं, तो यह इसका एक संभावित कारण हो सकता है।

3. पेरिमेनोपॉज़ के दौरान

पेरिमेनोपॉज़, जो मेनोपॉज से पहले का समय होता है, इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं, विशेष रूप से उनके रिप्रोडक्टिव और सेक्सुअल हारमोंस में काफी ज्यादा उतार चढ़ाव आता है। इस दौरान कई महिलाओं को 15 दिन के गैप पर ही पीरियड्स आ जाते हैं। पेरिमेनोपॉज़ का समय महीने में दो बार पीरियड्स आने का कारण बन सकता है।

पेरिमेनोपॉज़, जो मेनोपॉज से पहले का समय होता है, इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं. चित्र अडोबी स्टॉक

4. संक्रमण या गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं

संक्रमण या गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं, जैसे कि फाइब्रॉएड या पॉलीप्स, भी अनियमित ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं। कई बार महिलाओं को ओवरी संबंधी समस्या और संक्रमण का पता देर से चलता है। जिसकी वजह से इलाज शुरू न होने तक महीने में दो बार पीरियड्स का अनुभव हो सकता है, या कई बार असामान्य रूप से ब्लीडिंग हो सकती है।

यह भी पढ़ें :  गर्भपात हो सकता है शारीरिक और मानसिक रूप से तकलीफदेह, जानिए इस दर्द से कैसे उबरना है

5. बर्थ कंट्रोल

जन्म नियंत्रण विधियां, विशेष रूप से हार्मोनल तरीके, बॉडी हारमोंस को असंतुलित कर देते हैं। असंतुलित रिप्रोडक्टिव हारमोंस मासिक धर्म चक्र की आवृत्ति और नियमितता को बदल सकते हैं। इस दौरान महीने में दो बार पीरियड्स आना या असामान्य ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है।

महीने में दो बार पीरियड्स (2 periods in one month) आ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें

डॉ अस्था दयाल कहती हैं “अगर किसी महिला को एक महीने में दो बार पीरियड्स होता है, या मेंस्ट्रूअल साइकिल के दौरान अधिक दर्द के साथ हैवी ब्लीडिंग हो रही है, या ब्लीडिंग लंबे समय तक बनी हुई है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है।”

महीने में दो बार पीरियड्स आना या असामान्य ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

“हालांकि, कभी-कभी महीने में दो बार पीरियड आना या अनियमित पीरियड्स होना सामान्य हो सकता है, लेकिन बार-बार होने वाला मासिक धर्म गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसे चिकित्सा की आवश्यकता होती है।”

“मासिक धर्म चक्र की नियमित निगरानी और किसी भी बदलाव के बारे में डॉक्टर से चर्चा करना प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।”

यह भी पढ़ें : Late Menopause : 55 की उम्र तक नहीं हुआ मेनोपॉज, तो बढ़ सकता है स्तन कैंसर का जोखिम, जानिए आपको क्या करना है



Source link

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Exit mobile version