Kamooalewa asteroid caused 22km crater On Moon without a hit says scientists


चांद जितना खूबसूरत है, उतना ही निर्जन भी। धरती से हमें वह बर्फीला लगता है, लेकिन असल में मिट्टी-धूल और गड्ढों का इलाका है। अब वैज्ञानिकों ने कथित तौर पर चंद्रमा पर गड्ढा बनने की वजह का पता लगाया है। एक स्‍टडी में कहा गया है कि सूर्य की परिक्रमा करने वाला एक एस्‍टरॉयड (Asteroid) चांद पर गड्ढे की वजह हो सकता है। दिलचस्‍प है कि वह एस्‍टरॉयड कभी चंद्रमा का हिस्सा था।  

रिपोर्ट के अनुसार, कई वर्षों से वैज्ञानिक मानते आए थे कि चंद्रमा पर गड्ढा एक एस्‍टरॉयड के टकराने से हुआ था और वह एस्‍टरॉयड बाहर से हमारे सौर मंडल में आया था। वैज्ञानिकों ने साल 2016 में एक रहस्यमयी चट्टानी टुकड़ा खोजा था जो सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। उसका व्‍यास 130 से 328 फीट के बीच है। उस चट्टान को कामोओलेवा (Kamoʻoalewa) नाम दिया गया। 

अब खगोलशास्त्री यिफेई जिओ (Yifei Jiao) की लीडरशिप वाली सिंघुआ यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम ने कहा है कि वह चट्टान लाखों साल पहले चंद्रमा का हिस्सा थी। उसके चंद्रमा से टूटने के कारण चांद पर जिओर्डानो ब्रूनो (Giordano Bruno) क्रेटर नाम का गड्ढा बना, जोकि 22 किलोमीटर का है। जिओर्डानो ब्रूनो नाम 16वीं शताब्दी के इटली के एक ब्रह्मांड विज्ञानी के नाम पर रखा गया था। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि 131 से 328 फीट चौड़ा कामोओलेवा नाम का एस्‍टरॉयड करीब 1 करोड़ साल पहले चांद से अलग हो गया। उसकी वजह से जिओर्डानो ब्रूनो क्रेटर का निर्माण हुआ। यह स्‍टडी नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में पब्लिश हुई है। 

यह स्‍टडी इसलिए अहम है क्‍योंकि एक चट्टान चांद से निकलकर अलग हो गई और वहां गड्ढा हो गया। वही चट्टान अब एस्‍टरॉयड बनकर सूर्य का चक्‍कर लगा रही है। एस्‍टरॉयड रूपी चट्टान आखिर क्‍यों चांद से अलग हो गई, इस बारे में अभी विस्‍तार से वैज्ञानिक नहीं बता पाए हैं। 
 

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