कंस्ट्रक्शन मैटेरियल सॉल्यूशंस फर्म इन्फ्रा.मार्केट इस साल के आखिर में शेयर बाजार में लिस्ट होना चाहती है। कंपनी इससे पहले फंडिंग के नए राउंड में लगभग 15-20 करोड़ डॉलर (करीब 1,250-1,650 करोड़ रुपये) जुटाने की तैयारी कर रही है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को मामले की जानकारी रखने वालों से मिली है। टाइगर ग्लोबल, फाउंडामेंटल और इवॉल्वेंस जैसे मौजूदा निवेशक अधिक पैसा लगाएंगे और अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएंगे। सूत्रों ने कहा कि इन्फ्रा.मार्केट बाजार में उतरने से पहले नए निवेशकों के साथ भी बातचीत कर रही है।
यह भी पता चला है कि फंडिंग राउंड क्लोज होने के बाद कंपनी अपने IPO के लिए इस साल दिसंबर में ड्राफ्ट जमा कर सकती है। एक दूसरे सोर्स ने कहा कि पूरा राउंड प्राइमरी कैपिटल होगा, कोई सेकेंडरी कंपोनेंट नहीं होगा। कंपनियां आमतौर पर अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और कैश चेस्ट तैयार करने के लिए ऐसे राउंड में फंडिंग जुटाती हैं। इससे वे भविष्य के मौकों को बहुत तेज रफ्तार से भुनाने में सक्षम होती हैं।
IPO से 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा जुटाने की तमन्ना
इन्फ्रा.मार्केट अपने IPO के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, गोल्डमैन सैक्स और जेफरीज जैसे बैंकर्स को सलाहकार के तौर पर अपॉइंट कर चुकी है। कंपनी IPO से 50 करोड़ डॉलर से अधिक जुटाना चाहती है। कंपनी की शुरुआत साल 2016 में सौविक सेनगुप्ता और आदित्य शारदा ने की थी। यह रेडी-मिक्स्ड-कंक्रीट (RMC), एग्रीगेट्स, कंस्ट्रक्शन केमिकल्स, स्टील, एएसी (ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट) ब्लॉक, इक्विपमेंट सॉल्यूशंस, पाइप और फिटिंग, एमडीएफ, प्लाईवुड और लेमिनेट की पेशकश करती है। इसकी प्राइवेट लेबल कैटेगरीज में इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स, टाइल्स, सैनिटरीवेयर, बाथ फिटिंग, मॉड्यूलर किचन और वार्डरोब और डिजाइनर हार्डवेयर शामिल हैं।
FY23 में मुनाफा गिरा
वित्त वर्ष 2023 में इंफ्रा.मार्केट ने 11,846 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022 में 6,236 करोड़ रुपये से 90 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 155 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया। वित्त वर्ष 2022 में यह 186 करोड़ रुपये था। इंफ्रा.मार्केट ने एक्सेल, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों से 55 करोड़ डॉलर से अधिक जुटाए हैं।