दिवाली पर जलने वाले पटाखों से बच्चों को हो सकती हैं ये 5 स्वास्थ्य समस्याएं, यूं करें बचाव | health problems to children due to firecrackers burnt on diwali 2024 in hindi


Health Problems to Children Due to Firecrackers : दिवाली दीपक और रोशनी (Diwali Celebrations 2024) का त्योहार है। इस साल दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली पर दीपों के साथ-साथ आतिशबाजी करने और पटाखे चलाने की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है। पटाखे की आवाज और उसमें से निकलने वाला धुआं न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि इसके संपर्क में आने से आपको भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

पटाखों से निकलने वाला प्रदूषण बुजुर्गों से ज्यादा छोटे बच्चों के लिए हानिकारक (Health Problems to Children Due to Firecrackers) होता है। पटाखों से निकलने वाले धुएं से बच्चों को कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने मुंबई के वाशी स्थित फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल के पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. कुमार साल्वी से बात की।

पटाखों से बच्चों को कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?- Health Problems can Firecrackers Cause to Children?

डॉ. कुमार साल्वी के अनुसार, दिवाली पर जलाए जाने वाले पटाखों से हानिकारक धुआं और रसायन निकलता है। यह धुआं बच्चों के श्वसन तंत्र, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है, जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।

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1. सांस की समस्याएं – Respiratory problems due to firecrackers

डॉ. कुमार का कहना है कि दिवाली (Diwali 2024) पर चलाए जाने वाले पटाखों के धुएं में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। यह कण सांस के जरिए बच्चों के फेफड़ों में पहुंच सकते हैं। इसके कारण बच्चों को खांसी, सांस फूलना, सांस लेने में परेशानी और लंबे समय में अस्थमा जैसी बीमारी का खतरा रहता है। दरअसल, वयस्कों की तुलना में बच्चों के फेफड़े संवेदनशील और विकसित अवस्था में होते हैं। ऐसे में उन्हें बीमारियों और संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

2. त्वचा और आंखों में जलन – Skin and eye irritation due to firecrackers

पटाखों में पाए जाने वाले रसायन हवा में काफी लंबे समय तक बने हुए रहते हैं। जब बच्चे इन रसायनों के संपर्क में आते हैं, तो उन्हें त्वचा में जलन, खुजली और स्किन रैशेज की समस्या का खतरा रहता है। डॉक्टर की मानें तो जिन बच्चों की स्किन सेंसिटिव है, उन्हें पटाखों से दूर ही रखना चाहिए।

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3. एलर्जी और अस्थमा का खतरा- Risk of allergies and asthma due to firecrackers

पटाखों का धुआं अस्थमा या ब्रोंकाइटिस से पीड़ित बच्चों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। पटाखों के धुएं में मौजूद छोटे-छोटे कण एलर्जी का कारण बन सकते हैं, जैसे अस्थमा से पीड़ित बच्चों की हालात और बिगड़ सकती है, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाने की स्थिति आ सकती है।

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4. कान की समस्याएं- Ear problems due to firecrackers

पटाखों की तेज आवाज बच्चों के कानों के लिए नुकसानदायक होती है। डॉक्टर का कहना है कि जो बच्चे 5 साल से कम उम्र के होते हैं, उनके लिए पटाखों की आवाज कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकती है। पटाखों की तेज आवाज से बच्चों के कानों में दर्द, अस्थायी सुनाई न देना और यहां तक कि स्थायी बहरापन जैसी परेशानी हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो छोटे बच्चों के कानों के लिए 85 डेसिबल से ज्यादा की आवाज हानिकारक होती है। जबकि पटाखों से निकलने वाली आवाज का स्तर 125 से 140 के डेसिबल के बीच होता है।

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5. नींद न आने की समस्या- Sleeplessness due to firecrackers

अगर आपका बच्चा 1 साल से कम उम्र का है, तो उसे पटाखों की आवाज से मानसिक तनाव और मन में डर की समस्या हो सकती है। मानसिक तनाव के कारण बच्चों में नींद न आने की समस्या भी देखी जाती है। दिवाली के दिन बार-बार तेज आवाज और धमाके बच्चों को चिड़चिड़ा बना सकते हैं और उनकी मानसिक शांति पर असर डाल सकते हैं।

ध्यान दें दिवाली दीपों का त्योहार है। इस दिन अपने परिवार और दोस्तों से मुलाकात करें। दिवाली के दिन पटाखे जलाने की बजाय कुछ नया करने की कोशिश करें, जिससे आपके बच्चे का भविष्य बेहतर बन सके। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, उन्हें पटाखों के धुएं और शोर से दूर रखना ही बेहतर है।

Image Credit: Google



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