Hanuman Jayanti 2024 Date: इस दिन पड़ रही है हनुमान जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होकर, भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

By Ekta Sharma

Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 02:31 PM (IST)

Updated Date: Thu, 28 Mar 2024 02:31 PM (IST)

Hanuman Jayanti 2024

HighLights

  1. पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल 2024 को सुबह 3:25 बजे शुरू होगी।
  2. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  3. पूजा के दौरान हनुमान जी के मंत्रों का जाप भी जरूर करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Hanuman Jayanti 2024 Date: देशभर में हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होकर, भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही साधक की सभी परेशानियां दूर होती है। आइए, जानते हैं कि हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

हनुमान जयंती शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल 2024 को सुबह 3:25 बजे शुरू होगी। यह अगले दिन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने के लिए सुबह 3 बजकर 25 मिनट से सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

हनुमान जयंती पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  • मंदिर को साफ करें और बजरंगबली की मूर्ति स्थापित करें।
  • अब उन्हें फूल, लाल चोला, लाल सिन्दूर और अगरबत्ती आदि अर्पित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं और हनुमान जी की आरती करें।
  • इसके बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  • हनुमान जयंती पर पूजा के दौरान हनुमान जी के मंत्रों का जाप भी करें।
  • हनुमान जी को लड्डू, जलेबी, फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • अंत में प्रसाद को लोगों में बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।

हनुमान मंत्र

1. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

2. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

3. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

4. मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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