Flipkart Amazon ecommerce Companies Instructed to Drop Health Energy Drinks Labels Misleading Customers


कई बार फूड ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट के असल स्वभाव के उल्टा उसकी मार्केटिंग करते हैं। फूड से संबंधित सरकारी एजेंसियां जिन प्रोडक्ट के ज्यादा सेवन को बच्चों के साथ-साथ व्यस्कों के लिए भी खतरा बताती हैं, उन प्रोडक्ट्स को कंपनियां सेहतमंद बताकर बेचती हैं। इसपर नकेल कसने के लिए अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को कुछ बेवरेज कैटेगरी की सटीक लेबलिंग करने का आदेश दिया है। प्राधिकरण का कहना है कि भारत के खाद्य कानून में “हेल्थ ड्रिंग” शब्द की स्पष्ट परिभाषा का अभाव है। मौजूदा नियमों के तहत “एनर्जी ड्रिंक” शब्द विशेष रूप से कार्बोनेटेड और नॉन-कार्बोनेटेड वाटर-बेस्ड फ्लेवर्ड बेवरेज के लिए आरक्षित है, जो नहीं होना चाहिए।

TOI ने इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि FSSAI ने डेयरी-बेस्ड, सीरिअल्स-बेस्ड, या माल्ट-बेस्ड बेवरेज को “हेल्थ ड्रिंक” या “एनर्जी ड्रिंग” के रूप में लेबल करने से परहेज करने पर जोर दिया। FSSAI का मानना है कि इससे ग्राहक गुमराह हो सकते हैं और ऐसे में ई-कॉमर्स फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) से ऐसे पेय पदार्थों को “हेल्थ ड्रिंक / एनर्जी ड्रिंग” की कैटेगरी से हटाकर या अलग करके किसी भी गलत कैगराइजेशन को तुरंत सुधारने का आग्रह किया गया है।

रिपोर्ट बताती है कि FSSAI स्पष्ट करता है कि “हेल्थ ड्रिंक” शब्द में 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम और खाद्य उद्योग को नियंत्रित करने वाले संबंधित नियमों और विनियमों के अंदर मानकीकरण का अभाव है। इसके विपरीत, “एनर्जी ड्रिंक्स” का उपयोग केवल निर्दिष्ट क्राइटेरिया के अंतर्गत आने वाले प्रोडक्ट्स के लिए ही अनुमत है।

इस निर्देश के पीछे का उद्देश्य लेबलिंग सिस्टम में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना है और यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहक गलत जानकारी लिए बिना सही प्रोडक्ट चुन सकें। हम यह पहले से जानते हैं कि कई कार्बोनेटेड या नॉन-कार्बोनेटेड बेवरेज बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को एनर्जी या हेल्थ ड्रिंक्स बताती है, जबकि उन बेवरेज में ऐसे बहुत कम कंटेंट होते हैं, जो हेल्थ या एनर्जी के लिए इस्तेमाल होते हैं।

पिछले कुछ समय से युवाओं में एनर्जी ड्रिंक्स का क्रेज भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए मार्केट में रेड बुल या मॉन्सटर एनर्जी जैसे महंगे ड्रिंक्स के सस्ते ऑप्शन भी मार्केट में लॉन्च हो रहे हैं। इन ड्रिंग्स में कई तरह के कैमिकल्स और बेहद ज्यादा मात्रा में शुगर का इस्तेमाल किया जाता है और युवा इसे एनर्जी या हेल्थ ड्रिंक समझ कर खरीद रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों के लिए सही लेबलिंग के बारे में जागरूक होना और अपने बेवरेज के ऑप्शन के संबंध में सूचित फैसला लेना महत्वपूर्ण है।

 

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