Byju’s News: वित्तीय और कानूनी दिक्कतों से जूझ रही बायजूज के दिवालिया मामले में फिलहाल रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) की तरफ से आयोजित बैठकें अब नहीं हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। बैठकों पर रोक लगने से फिलहाल बायजूज की दिवालिया प्रक्रिया पर अस्थायी तौर पर रोक लग गई है। कोर्ट का अंतिम फैसला अभी इस मामले में आना बाकी है। सुनवाई के दौरान बायजूज के क्रेडिटर्स का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल ने सेटलमेंट के लिए कुछ संभावित शर्तें रखीं जिसमें से एक तो यह है कि जो पेमेंट हो, उसे लेकर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह बायजूज के एसेट्स से न आए। कोर्ट में यह मामला बीसीसीआई की याचिका पर चल रहा है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति इसी की याचिका पर सुनवाई के बाद बनी है और दिवालिया प्रक्रिया चल रही है।
सुनवाई के दौरान बायजूज की पैरेंट कंपनी का भी आया जिक्र
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल पूछा कि क्या मौजूदा कानूनी नियम तय प्रक्रियाओं, खासतौर से इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के रेगुलेशन 30ए के अतिरिक्त सेटलमेंट की इजाजत देते हैं? सुनवाई के दौरान कोर्ट में बायजूज की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के वित्तीय रिकॉर्ड्स का भी जिक्र आया। क्रेडिटर्स के काउंसल श्याम दीवान ने मार्च 2022 तक 8,104.68 करोड़ रुपये के बड़े घाटे का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई और नियमों के मुताबिक अब तक डॉक्यूमेंट्स भी नहीं मुहैया कराए गए। उन्होंने बायजूज के डिफॉल्ट दावों का भी जिक्र दिया और कहा कि कंपनी के ऑडिटर ने सितंबर 2024 में इस्तीफा दे दिया, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंताएं बढ़ गईं।
Byju’s की मांग, दिवालिया प्रक्रिया पर लगे रोक?
बायजूज की लीगल टीम का कहना है कि दिवालिया प्रक्रिया के तहत कंपनी के किसी भी अहम फैसले से कंपनी को ही दूर रखा जा रहा है। लीगल टीम के मुताबिक यह स्थिति तब है, जब कारोबार में इसकी 99.18 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में कंपनी ने अनियमितताओं का हवाला देते हुए दिवालिया प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।