एडटेक स्टार्टअप Byju’s के शेयरधारकों की 23 फरवरी को हुई असाधारण आम बैठक (EGM) का नतीजा सामने आ गया है। स्टार्टअप की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn) के निवेशकों ने फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) की लीडरशिप वाले मैनेजमेंट को कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया है। प्रोसस, जनरल अटलांटिक और पीक एक्सवी जैसे कई ब्लू चिप निवेशकों ने ईजीएम में CEO बायजू रवींद्रन को हटाने के लिए मतदान किया।
इनवेस्टर सोर्सेज ने मनीकंट्रोल को बताया कि लगभग 60 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग वाले निवेशकों ने कंपनी में लीडरशिप और गवर्नेंस में बदलाव के प्रस्तावों को पारित करने के पक्ष में मतदान किया। वहीं कंपनी सोर्सेज का कहना है कि ऐसा करने वाले इनवेस्टर्स की कंपनी में हिस्सेदारी लगभग 47 प्रतिशत है।
ईजीएम में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन ने हिस्सा नहीं लिया। ये तीनों कंपनी के बोर्ड में हैं। रवींद्रन, उनकी पत्नी और भाई के पास कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्हें बाहर करने की मांग करने वाले निवेशकों की जून 2022 तक कंपनी में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। ईजीएम में निवेशकों ने संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप की लीडरशिप में बदलाव करने, बोर्ड को रिकॉन्स्टीट्यूट करने और प्रशासन से जुड़े कथित उल्लंघनों की फोरेंसिक जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव पारित किए।
Byju’s EGM में सभी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
प्रोसस के एक प्रवक्ता ने कहा कि आज 23 फरवरी की ईजीएम में, शेयरधारकों ने वोट के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इनमें Byju’s में मौजूदा प्रशासन, वित्तीय कुप्रबंधन और अनुपालन मुद्दों के समाधान के लिए अनुरोध; बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का पुनर्गठन और कंपनी की लीडरशिप में बदलाव जैसे प्रस्ताव शामिल थे।
चार घंटे तक चली Byju’s EGM
ईजीएम लगभग चार घंटे तक चली और प्रस्तावों पर मतदान के बाद समाप्त हुई। हालांकि शुरुआत में इसे कई व्यवधानों का सामना करना पड़ा, क्योंकि अज्ञात लोगों ने बैठक में तोड़फोड़ करने की कोशिश की। हालांकि शुक्रवार को होने वाली वोटिंग का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक हाई कोर्ट कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को Byju’s में 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों की ओर से सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। बयान में निवेशकों ने यह भी कहा कि वे अपना मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में पेश करने की योजना बना रहे हैं।
कंपनी ने बताया था अमान्य EGM
Byju’s ने ईजीएम को प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य और कंपनी के नियमों व शेयरधारक समझौते का उल्लंघन बताया था। Byju’s के प्रवक्ता ने कहा, ‘बायजू रवींद्रन या कोई अन्य बोर्ड सदस्य इस अमान्य ईजीएम में शामिल नहीं होंगे। इसका मतलब है कि इसके बावजूद भी ईजीएम बुलाए जाने पर उसमें जरूरी कोरम नहीं होगा और एजेंडा पर चर्चा या मतदान को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।’ हालांकि इनवेस्टर सोर्सेज ने दावा किया कि ईजीएम वैध है और पूरी तरह से कानून के अनुरूप है।
राइट्स इश्यू पूरी तरह से सब्सक्राइब
Byju’s का 20 करोड़ डॉलर (करीब 1,650 करोड़ रुपये) का राइट्स इश्यू पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका है। Byju’s ने 22-25 करोड़ डॉलर की एंटरप्राइज वैल्यूएशन पर इक्विटी राइट्स इश्यू के माध्यम से 20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए इस साल जनवरी में राइट्स इश्यू लॉन्च किया था।
पिछले एक साल में Byju’s को कई वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ऑडिटर के इस्तीफा देने, ऋणदाताओं की आरे से दिवाला कार्यवाही शुरू होने सहित अन्य चुनौतियां भी स्टार्टअप के सामने आई हैं। Byju’s की वैल्यूएशन वर्ष 2022 में 22 अरब डॉलर थी। अब यह घटकर 20 करोड़ डॉलर पर आ गई है। ईजीएम नोटिस को जनरल अटलांटिक, पीक एक्सवी, सोफिना, चैन जुकरबर्ग, आउल और सैंड्स का सपोर्ट प्राप्त था। नोटिस में कहा गया कि शेयरधारक मौजूदा लीडरशिप में, भविष्य में स्टार्टअप की स्थिरता को लेकर बेहद ज्यादा चिंतित हैं।