Conscious Parenting: आपको याद होगा वो समय जब मम्मी-पापा के सामने हमारी जुबां तक नहीं खुलती थी। मां-पापा को कुछ भी कहते समय डर महसूस होता था। हम अपने मांं-पापा से खुलकर बात भी नहीं कर सकते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है। परवरिश के कई तरीकों से मां-पापा और बच्चों के रिश्ते को बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसी ही एक परवरिश है जिसे जागरूक या सचेत परवरिश (Conscious Parenting) कहते हैं। जागरूक या सचेत परवरिश की मदद से बच्चों की भावनाओं को समझकर, उन्हें सही रास्ता दिखाया जाता है। इस तरह की परवरिश में माता-पिता, बच्चों को पूरा मौका देते हैं ताकि वह खुलकर अपनी बात को कह सकें। इस तरह की परवरिश से बच्चों में सुसाइड के मामले कम होते हैं, बच्चों का तनाव कम होता है और वे अपने भविष्य में बेहतर इंसान बन सकते हैं। इस लेख में जानेंगे जागरूक या सचेत परवरिश के गुण और फायदे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
जागरूक या सचेत परवरिश के गुण- Qualities of Conscious Parenting
- जागरूक या सचेत परवरिश, एक तरीका है जिसकी मदद से बच्चे की परवरिश बेहतर ढंग से हो सकती है।
- इस परवरिश में माता-पिता, बच्चे की बात को समझकर बेहतर समाधान निकाल सकते हैं जिससे मन-मुटाव नहीं होता।
- इस परवरिश में बच्चे के नजरिए को समझने में मदद मिलती है। माता-पिता, बच्चे की सोच को भी अहमियत देते हैं।
- जागरूक या सचेत परवरिश में बच्चे, माता-पिता के साथ खुलकर बेझिझक बात कर पाते हैं।
- इस परवरिश में बच्चों को आजादी मिलती है कि वे अपने माता-पिता से खुलकर किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं।
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बच्चों के लिए जागरूक या सचेत परवरिश के फायदे- Conscious Parenting Benefits
बच्चों के लिए जागरूक या सचेत परवरिश (Conscious Parenting) के कई फायदे होते हैं। इस प्रकार की परवरिश का उद्देश्य बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना है। आगे जानते हैं जागरूक परवरिश के कुछ फायदे-
- जागरूक परवरिश में माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझने और उन्हें सही तरीके से व्यक्त करने में मदद करते हैं। इससे बच्चे अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से पहचान पाते हैं।
- जागरूक परवरिश, बच्चों को दूसरों की भावनाओं को समझने और उनके प्रति सहानुभूति रखने की सीख देती है। इससे वे दूसरों के साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं।
- जागरूक या सचेत परवरिश बच्चे को आत्म-जागरूक बनाती है और इससे वे अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचान सकते हैं। इससे उन्हें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ाने में मदद मिलती है।
- जागरूक माता-पिता बच्चों के साथ पॉजीटिव और ओपन-माइंडेड संवाद को बढ़ावा देते हैं और इस तरह परिवार में मजबूत और स्वस्थ संबंध विकसित होते हैं।
- सचेत परवरिश बच्चों को अपने व्यवहार और निर्णयों के प्रति अधिक जिम्मेदार और सचेत बनाती है। इससे वे अच्छे और नैतिक निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
- इस प्रकार की परवरिश से बच्चों को अपने जीवन में तनाव और चिंता को समझने और उसका सामना करने के तरीके सीखने में मदद मिलती है।
- बच्चों को अन्य लोगों के साथ पॉजीटिव संबंध बनाने में मदद मिलती है। इससे वे सामाजिक रूप से ज्यादा सफल होते हैं।
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