बैंकों की गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को उधारी मार्च 2024 में सालाना आधार पर गिरकर 15.3 प्रतिशत हो गई जबकि एक साल पहले की अवधि में 29.9 प्रतिशत थी। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंगलवार को जारी आंकड़े में दी गई।
नियामक ने बीते साल नवंबर में असुरक्षित ऋण के जोखिम से निपटने के लिए जोखिम भारांक 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया था। बैंकों के एनबीएफसी के जोखिम भारांक के 100 से कम होने की स्थिति में भी 25 आधार अंक बढ़ा दिया गया। मार्च 2024 में सालाना आधार खुदरा ऋण 17.7 प्रतिशत पर सुस्त बढ़ा जबकि यह एक साल पहले 21 प्रतिशत था।
खुदरा ऋण में गिरावट वाहन ऋण और व्यक्तिगत ऋण में कमी आने के कारण आया था जो मुख्य तौर पर असुरक्षित ऋण में आते हैं। दूसरी तरफ मार्च में उद्योग की उधारी वृद्धि में सालाना आधार पर 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि यह मार्च 2023 में 5.6 प्रतिशत था।
First Published – April 30, 2024 | 9:50 PM IST