Bajaj Housing Finance Rs 6,560 crore IPO to open between September 9 to 11 | बजाज-हाउसिंग-फाइनेंस का IPO 9 सितंबर को ओपन होगा: ₹6,560 करोड़ जुटाएगी कंपनी, प्राइस बैंड का ऐलान 3 सितंबर को होगा


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मुंबई21 मिनट पहले

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बजाज फाइनेंस की सब्सिडियरी कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO की डेट सामने आ गई है। यह पब्लिक इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 9 सितंबर को ओपन और 11 सितंबर को क्लोज होगा।

कंपनी ने यह जानकारी अपने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी (RHP) में दी है। इस IPO का साइज 6,560 करोड़ रुपए होगा। इसमें 3,560 रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे। साथ ही 3,000 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल (OFS) रहेगा।

प्राइस बैंड की डिटेल 3 सितंबर को जारी की जाएगी
RHP फाइलिंग के अनुसार, प्राइस बैंड की डिटेल 3 सितंबर को जारी की जाएगी। एंकर इनवेस्टर IPO में 6 सितंबर को बोली लगा सकेंगे। सेबी ने अगस्त महीने की शुरुआत में कंपनी के IPO को मंजूरी दी थी।

इस IPO के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया, एक्सिस कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल, IIFL सिक्योरिटीज, गोल्डमैन सैक्स इंडिया सिक्योरिटीज और SBI कैपिटल मार्केट्स बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं। सिरिल अमरचंद मंगलदास, कानूनी सलाहकार है। केफिन टेक्नोलॉजीज इसकी रजिस्ट्रार है।

कंपनी ने जून में DRHP फाइल किया था
इससे पहले जून में बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने IPO लाने के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी पेपर्स फाइल किए थे।

तब कंपनी ने बताया था कि इस IPO के जरिए कंपनी 7,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कंपनी के DRHP के अनुसार, बजाज हाउसिंग फाइनेंस के प्रस्तावित IPO में 4,000 करोड़ रुपए तक के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू होगा।

इसके अलावा पेरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस अपने बजाज हाउसिंग फाइनेंस के 3,000 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयर्स को ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेगी।

फंड से कैपिटल रिक्वायरमेंट्स पूरी करेगी कंपनी
फ्रेश इश्यू से जुटाए गए फंड का यूज कंपनी अपने कैपिटल बेस को बढ़ाकर फ्यूचर कैपिटल रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के लिए करेगी। बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने शेयरों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का पालन करने के लिए बेच रही है।

NBFC को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होना जरूरी
RBI के नियमों के तहत सितंबर 2025 तक अपर-लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड होना जरूरी है।

यही वजह है कि आधार हाउसिंग फाइनेंस और इंडिया शेल्टर फाइनेंस को कुछ समय पहले स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड किया गया है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस सितंबर 2015 से नेशनल हाउसिंग बैंक के साथ रजिस्टर्ड एक नॉन-डिपॉजिट राशि लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है।

फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्रोवाइड करती है कंपनी
यह रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को खरीदने और रेनोवेट करने के लिए फाइनेंशियल सॉल्यूशंस प्रोवाइड करती है।

बजाज फाइनेंस अपर-लेयर NBFC की कैटेगरी में शामिल
RBI ने बजाज फाइनेंस को अपर-लेयर NBFC की कैटेगरी में रखा है। यह होम लोन, प्रॉपर्टी के खिलाफ लोन, लीज रेंटल डिस्काउंटिंग और डेवलपर फाइनेंसिंग समेत कई मॉर्गेज प्रोडक्ट्स ऑफर करती है।

वित्त वर्ष 2024 में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के एसेट्स एंड मैनेजमेंट का आंकड़ा 91,370 करोड़ रुपए था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 5% बढ़कर 483 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

वहीं हाउसिंग लेंडर ने वित्त वर्ष 24 के लिए 1,731 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 23 के 1,258 करोड़ रुपए से 38% ज्यादा है। बजाज फाइनेंस के बोर्ड ने 6 जून को बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO में 3,000 करोड़ रुपए के शेयरों की सेल को मंजूरी दी थी।

RBI ने सितंबर में NBFCs की लिस्ट का ऐलान किया था
RBI ने 14 सितंबर को साल 2023-24 के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी NBFCs की लिस्ट का ऐलान किया था। RBI ने स्केल बेस्ड रेगुलेशन के तहत इस अपर लेयर NBFCs की लिस्ट में 15 कंपनियों को शामिल किया था।

इस लिस्ट में LIC हाउसिंग फाइनेंस टॉप पर है। वहीं बजाज फाइनेंस दूसरे, श्रीराम फाइनेंस तीसरे और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड चौथे नंबर पर शामिल है।

NBFCs सेक्टर के बढ़ते साइज और उससे जुड़े रिस्क के दूसरे सेक्टर पर बढ़ते असर को देखते हुए रिजर्व बैंक ने NBFC के लिए अक्टूबर 2022 से नए नियमों को जारी किया था। इसमें साइज और कारोबार के हिसाब से NBFC की 4 कैटेगरी बनाई गई हैं।

कैटेगरी का उद्देश्य कंपनी के विस्तार के साथ उसके लिए आवश्यक नियमों को बढ़ाना है। आसान भाषा में कहें तो इनमें से NBFCs-अपर लेयर के नियम करीब-करीब वैसे हैं, जैसे बैकों के लिए दिए हैं।

नियमों के मुताबिक, देश की टॉप-10 NBFCs इस लिस्ट में बनी रहती हैं और इनके अलावा रिजर्व बैंक और किसी कंपनी को चाहे तो इसमें शामिल कर सकता है।

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