क्या होते हैं पित्ताशय निकलवाने के बाद के प्रभाव, Kya hai gallbladder removal ke after effects


अक्सर आपने सुना होगा कि किसी का गाॅल ब्लैडर निकाल दिया गया है। आपके मन में ये सवाल भी आया होगा कि क्या किसी अंग के बिना जीवन संभव है। जानें क्यूं निकालते हैं ब्लैडर, कैसे करता है यह आपका जीवन प्रभावित, आइए जानते हैं।

व्यक्ति अपने जीवन की रक्षा के लिए सब कुछ करता है। मगर समय के साथ शरीर के कुछ आंतरिक अंग बीमार होने लगते हैं। इनका असर व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य पर पड़ता है। पित्ताशय एक ऐसा आंतरिक अंग या इंटरनल ऑर्गन है, जिसे ठीक करने की बजाए डाॅक्टर अक्सर उसे निकलवाने की सलाह देते हैं। कब होता है ऐसा, क्यों निकलवाना पड़ता है गाॅल ब्लैडर और सेहत (gallbladder removal surgery side effects) पर क्या होता है इसका असर, हेल्थ शॉट्स के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। साथ यह भी कि गॉल ब्लैडर रिमूवल सर्जरी (How to take care after gallbladder removal surgery) के बाद कैसे रखना है अपनी सेहत का ख्याल।

क्यों पड़ सकती है गाॅल ब्लैडर हटाने की जरूरत

गाॅल ब्लैडर या पित्ताशय एक छोटा, थैलीनुमा आंतरिक अंग है जो आपके पेट के दाहिने हिस्से में होता है। इसका काम पित्त को जमा करना और रिलीज करना है। पित्त लिवर द्वारा बनाया जाता है ताकि आप फैट को पचा सकें। गाॅल ब्लैडर की बीमारियां तब होती हैं जब आपके पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  1. गाॅल ब्लैडर में पथरी (गॉलस्टोन्स)
  2. गॉलस्टोन्स के कारण होने वाली सूजन, खासकर जब ये लम्बे वक्त तक रहे
  3. बाइल डक्ट्स में पथरी

अगर लक्षण बहुत असुविधाजनक हो जाएं या आपकी सेहत में बाधा डालें, तो डॉक्टर या तो ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। खुशकिस्मती से, प्रकृति के अनुसार आप बिना पित्ताशय के भी एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं, और इसे हटाने की सर्जरी अपेक्षाकृत सरल होती है।

पित्ताशय के बिना, पित्त सीधे आपके लिवर से आंतों में पहुंच सकता है ताकि पाचन में मदद मिले। हालांकि, पित्ताशय हटाने के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव होने की संभावना भी होती है।

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gall bladder hatane ke side effects
गाॅल ब्लैडर हटाने के बाद हो सकती हैं ये स्वास्थ्य समस्याएं। चित्र- अडोबीस्टाॅक

गाॅल ब्लैडर हटाने के साइड इफेक्ट्स

नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट, के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुमित गहलावत, कहते हैं कि किसी भी सर्जरी में संभावित जटिलताएं होती हैं, जैसे कि कट्स से खून बहना, सर्जिकल सामग्री का शरीर के अन्य हिस्सों में जाना, दर्द, या इंफेक्शन कभी कभी बुखार भी।

गाॅल ब्लैडर हटाने के बाद, रोगियों में आमतौर पर कई प्रकार के शारीरिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, जिसमें पेट दर्द, सूजन, थकान, कमजोरी, भूख कम लगना, वजन कम होना, पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह स्थिति सर्जरी के दौरान अन्य अंगों की स्थिति के कारण हो सकती है। इसका असर कुछ समय बाद भी दिखाई देता है, ज्यादा समय बीतने पर उनमें बाइल डक्ट्स में बदलाव, पाचन संबंधी समस्याएं, विटामिन की कमी भी हो सकती है।

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फैट पचाने में कठिनाई

आपका शरीर नए तरीके से फैट को पचाने की आदत विकसित करने में थोड़ा समय ले सकता है। सर्जरी के दौरान दी गई दवाएं भी अपच का कारण बन सकती हैं। यह आमतौर पर ज्यादा समय तक नहीं रहता, लेकिन कुछ मरीजों को लंबे समय तक समस्या हो सकती है, जो पित्त के रिसाव या बाइल डक्ट्स में रह गए गॉलस्टोन के कारण होती है।

दस्त और गैस

अपच के कारण आपको दस्त या गैस हो सकती है, खासकर अगर आपका खाना ज्यादा फैट या कम फाइबर वाला हो। पित्त का रिसाव आंतों में पित्त की कमी कर सकता है, जिससे लूज मोशन लग जाते हैं। इस स्थिति में, आपको अपने आहार में फाइबर बढ़ाना और पर्याप्त पानी पीना चाहिए। अगर समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

कब्ज

हालांकि बीमार पित्ताशय को हटाने से आमतौर पर कब्ज में कमी आती है, लेकिन सर्जरी और एनेस्थेसिया के कारण कुछ समय के लिए कब्ज हो सकता है। डिहाइड्रेशन इसे और बढ़ा सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए फाइबर युक्त डाइट लेना और पर्याप्त लिक्विड्स पीना महत्वपूर्ण है। अगर कब्ज लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित रहेगा।

आंतों की चोट

पित्ताशय हटाने के दौरान, सर्जन द्वारा आंतों को नुकसान पहुंचाना असामान्य है लेकिन संभव है। इससे पेट में ऐंठन, मरोड़ या दर्द हो सकता है। किसी भी सर्जरी के बाद कुछ दर्द सामान्य है, लेकिन यदि यह कुछ दिनों से अधिक समय तक जारी रहता है या बढ़ता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लंबे समय तक भूखे रहने या बहुत अधिक डाइटिंग करने पर गॉल स्टोन की समस्या हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

विशेषज्ञ बता रहे हैं इन साइड इफेक्ट्स से कैसे डील करना है

डॉ. सुमित आगे जोड़ते हैं कि “ऐसे में आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे:

अपने आहार में ज्यादा फैट वाले भोजन से दूरी बनाएं, खासकर पित्ताशय हटाने के बाद। फैट वाले खाने का अधिक सेवन पाचन में कठिनाई पैदा कर सकता है और अपच का कारण बन सकता है।

उच्च फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, जैसे फल और सब्जियां, ताकि पाचन बेहतर हो सके। पित्ताशय हटाने के बाद, यह आपके आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा।

अधिक पानी पिएं, क्योंकि यह पाचन में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। पित्ताशय हटाने के बाद, पानी की कमी से कब्ज और अपच की समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त लिक्विड्स लेने से आपकी आंतों में पित्त की गतिविधि भी बेहतर होगी।

एक साथ अधिक भोजन न करके थोड़े-थोड़े समय में भोजन करें। पित्ताशय हटाने के बाद, छोटे-छोटे खाने से पाचन आसान होता है और अपच की समस्या कम होती है। यह आपकी एनर्जी लेवेल को भी बनाए रखने में मदद करेगा और शरीर को सही तरीके से पित्त का उपयोग करने का अवसर देगा।

नियमित रूप से व्यायाम करें और योगाभ्यास करें। पित्ताशय हटाने के बाद, शारीरिक गतिविधि पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाती है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करती है। योग से तनाव कम होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को और भी बेहतर बनाता है।

चलते-चलते

समय-समय पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पित्ताशय हटाने के बाद, आपको अपनी सेहत और पाचन की स्थिति पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। अगर आप किसी भी असामान्य लक्षण, जैसे गंभीफ दर्द, या सही खान-पान के बाद भी अपच या दस्त का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित जांच और उचित देखभाल से आप किसी भी संभावित जटिलताओं से बच सकते हैं। याद रखें, सही जानकारी और स्वस्थ जीवनशैली से आप बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।

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