स्ट्रीट डाग्स की फैमिली प्लानिंग पर दो साल में हो चुके 66 लाख खर्च

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शहर में रेबीज की रोकथाम को लेकर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. आंकड़ो के अनुसार पिछले वर्ष कुत्तों पर करीब 50 लाख और बंदरों पर करीब 10 लाख रुपये खर्च किया गया था. शहर में लगातार बढ़ रही कुत्तों की जनसंख्या बढ़ रही इसको लेकर कुत्तों को पकडक़र उनका वैक्सीनेशन और बदियाकरण किया जाता है. इसके अलावा बंदरों को पकडक़र उन्हें शहर दूर जंगलों में छोड़ दिया जाता है.

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