युवाओं में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल – Drishti IAS


युवाओं में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल के वर्षों के रुझान युवा आबादी में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में हुई उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाते हैं।

कोलेस्ट्रॉल:

  • कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ है जिसका निर्माण यकृत/लीवर द्वारा किया जाता है। यह कोशिकाओं और हार्मोनों के निर्माण व विटामिन D एवं पित्त अम्ल के उत्पादन में योगदान देता है, जो मानव पाचन तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • प्रकार: हमारे रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल का परिवहन लिपोप्रोटीन द्वारा किया जाता है जिसे उच्च-घनत्व लिपोप्रोटीन (HDL) और कम-घनत्व लिपोप्रोटीन (LDL) के रूप में जाना जाता है।  
  • HDL कोलेस्ट्रॉल (गुड कोलेस्ट्रॉल) रक्त में कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करता है और इसे यकृत में ले जाता है। फिर यकृत इसे शरीर से बाहर उत्सर्जित कर देता है। HDL कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकता है।
  • LDL कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) शरीर के अधिकांश कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है। उच्च LDL स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।
    • यह धमनी की दीवारों में जमा हो सकता है, जिससे प्लैक का निर्माण (Atherosclerosis एथेरोस्क्लेरोसिस) हो सकता है।
    • इस प्लैक के निर्माण से रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है, जो धमनियों को अवरुद्ध कर सकता है और हृदय के आघात या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
    • यह महत्त्वपूर्ण अंगों में रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन को भी कम कर सकता है, जिससे संभावित रूप से गुर्दे की बीमारी या परिधीय धमनी रोग हो सकता है।

और पढ़ें: भारत में गैर-संक्रामक रोगों की चिंताजनक वृद्धि

Please enable JavaScript to view the comments powered by Disqus.





Source link

Exit mobile version