विवाहित महिलाओं को नई बिछिया पहनना किस दिन सबसे शुभ माना जातै है?


हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं को पैरों में बिछिया को पहनना का विशेष आभूषण माना जाता है और यह काफी पुरानी परंपरा है। आजकल कई अविवाहित लड़कियां फैशन के तौर पर इन्हें पहनती हैं, लेकिन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, केवल शादीशुदा महिलाओं को ही बिछिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है और ये मुख्य रुप से हिंदू धर्म की मान्यताओं से जुड़ी होती है और सोलह श्रृंगार का एक प्रमुख हिस्सा मानी जाती है। जिस तरह से बिछिया को पहनना जरुरी माना जाता है वैसे ही बिछिया को कुछ विशेष दिनों में ही इसे पहनने की सलाह दी जाती है।
बिछिया को किस दिन पहनें
बिछिया पहनाने की रस्म से ही हिंदू विवाह को पूर्णता मिलती है और यह विवाहित महिलाओं के लिए अनिवार्य माना जाने लगता है। जब हम बिछिया पहनते तो यह शुभ दिन में ही पहनी जाती है। शुभ दिन में बिछिया पहनने से पति और पत्नी के बीच रिश्तों की मजबूती बनी रहे।
शुक्रवार के दिन पहनें नई बिछिया
ज्योतिष के अनुसार शुक्रवार का संबंध शुक्र ग्रह से होता है जो सौंदर्य, प्रेम और वैवाहिक आंनद से जुड़ा होता है।  बिछिया के समते किसी भी नए गहने के पहनने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। शुक्र ग्रह रिश्तों में सकारात्मक उर्जा और सद्भाव लेकर आता है। इसी वजह से सुहाग से जुड़ी कोई भी सामग्री इसी दिन खरीदने और पहनने की सलाह दी जाती है।
बुधवार के दिन पहनें नई बिछिया
बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित होता है, बुध ग्रह संचार और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नए गहने पहनने से श्रृंगार से जुड़े संवादात्मक और बौद्धिक पहलुओं मे वृद्धि होती है। इसके साथ ही यह दिन गणपति का है, इसलिए इस दिन आप नई चीज कपड़े, गहने आदि पहने तो शुभ परिणाम मिलते है। वहीं एकादशी के दिन बिछिया पहनने की सलाह भी दी जाती है। 
इन खास दिनों पर पहन सकती हैं नई बिछिया
आप घर में किसी भी पूजा-पाठ में, किसी परिवारजन की शादी के समय, करवा चौथ और तीज जैसे त्योहारों में पहन सकते हैं नई बिछिया। माना जाता है कि, अक्षय तृतीया के दिन नए गहने खरीदने से आपके घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है, इस दिन पर आपके लिए बिछिया खरीदना और पहनना शुभ हो सकता है।



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