बच्चों में हार्ट डिजीज के लिए जिम्मेदार होते हैं ये 5 कारण, पैरेंट्स जरूर रखें ध्यान | what causes heart disease in kids in hindi


What Causes Heart Disease in Kids in Hindi: हार्ट डिजीज आजकल बच्चों में भी एक गंभीर समस्या बन गया है। पहले यह समस्या केवल बड़े वयस्कों को ही प्रभावित करती थी, लेकिन अब यह बच्चों में भी दिखने को मिलती है। हार्ट डिजीज के कई कारण हो सकते हैं, आनुवांशिक कारणों और लापरवाही की वजह से बच्चों में हार्ट डिजीज का खतरा कुछ ज्यादा रहता है। बच्चों को हार्ट डिजीज से बचाने के लिए पैरेंट्स को सावधानियों कसा ध्यान रखना चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, बच्चों में हार्ट डिजीज के कारण और बचाव के उपाय।

बच्चों में हार्ट डिजीज के कारण- What Causes Heart Disease in Kids in Hindi

एससीपीएम हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जाफर कहते हैं, “बच्चों में हार्ट डिजीज का खतरा आनुवांशिक, गर्भावस्था के दौरान होने वाली परेशानी और खानपान व जीवनशैली के कारण रहता है। सही समय पर बच्चों में हार्ट डिजीज के लक्षणों को समझकर सही इलाज लेने से आप उन्हें गंभीर जोखिम से बचा सकते हैं।”

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बच्चों में हार्ट डिजीज का खतरा इन वजहों से बढ़ जाता है-

1. अनहेल्दी डाइट या खराब पोषण: बच्चों का खान-पान उनकी शारीरिक सेहत और विकास के लिए बहुत जरूरी है। खराब पोषण और अनहेल्दी फूड्स का सेवन हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

2. निष्क्रिय जीवनशैली: बच्चों की निष्क्रिय जीवनशैली शारीरिक गतिविधियों की कमी, खेल-कूद का अभाव, और अधिक टेलीविजन और कंप्यूटर के सामने समय बिताना हार्ट हेल्थ को खराब करता है।

4. हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा: बच्चों में बढ़ता हुआ उच्च रक्तचाप और मोटापा भी हार्ट के लिए खतरा बढ़ाता है। 

5. आनुवंशिक कारण: बच्चों में हार्ट डिजीज का खतरा आनुवांशिक कारणों से भी रहता है।

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हार्ट डिजीज से बचाव के उपाय- Heart Disease Prevention in Hindi

बच्चों को हार्ट डिजीज से बचाने के लिए उनके खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने से बच्चों को हार्ट डिजीज का शिकार होने से बचाने में मदद मिलती है-

1. हेल्दी डाइट: बच्चों को स्वस्थ आहार खिलाना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें हर तरह के पोषक तत्वों से भरपूर फल, सब्जियां, अनाज, और दूध आदि का सही मात्रा में सेवन करना चाहिए। 

2. नियमित व्यायाम: बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। योग, ध्यान, स्विमिंग, फुटबॉल या क्रिकेट जैसे खेल करना उनके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

3. समय पर इलाज: अगर किसी बच्चे को हृदय रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उसे समय पर इलाज लेना चाहिए।

असंतुलित खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण ज्यादातर भारतीय आबादी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रही है। इससे बचाव के लिए आपको तनाव और चिंता की समस्या बढ़ने पर एक्सपर्ट डॉक्टर से इलाज जरूर कराएं। इसके अलावा खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।

(Image Courtesy: freepik.com)



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