नवजात शिशु को क्यों होता है पीलिया? डॉक्टर से जानें इसके कारण | why does jaundice occur in newborn babies in hindi


किसी भी घर में शिशु का जन्म होना एक खुशी का एहसास होता है। शिशु के जन्म के साथ ही माता-पिता के साथ परिवार के अन्य समस्याओं की जिम्मेदारियां भी बढ़ती हैं। जन्म के साथ ही शिशु को कई बीमारियां होने का भी खतरा रहता है और पीलिया इसमें प्रमुख है। भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पोर्टल के अनुसार, जन्म के साथ ही 85 प्रतिशत से ज्यादा नवजात शिशुओं में पीलिया होने का खतरा रहता है। जन्म के साथ पीलिया होने के ज्यादातर मामलों में यह 4 से 5 दिनों के बाद ठीक हो जाता है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो बच्चे के दिमाग तक पहुंचा है और शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। नवजात शिशु को पीलिया होने के कारण क्या है और शिशु में पीलिया के क्या लक्षण दिखाई देते हैं इस बात की जानकारी दे रहे हैं लखनऊ के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद।

शिशु में पीलिया होने का कारण क्या है?- What causes jaundice in babies?

डॉ. तरुण आनंद के अनुसार, किसी भी शिशु को पीलिया की समस्या तब होती है जब खून में बिलीरुबिन का स्तर ज्यादा होने लगता है। बिलीरुबिन भी एक प्राकृतिक घटक है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण बनता है। जन्मजात शिशुओं के खून में पहले से ही बिलीरुबिन का स्तर बढ़ा हुआ होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, जन्मजात पीलिया के ज्यादातर मामले उन शिशुओं में देखने को मिलते हैं, जिनका जन्म समय से पहले हो गया हो। खास तौर पर यह बीमारी 38 सप्ताह के गर्भ से पहले पैदा हुए शिशुओं और स्तनपान कर रहे शिशुओं में देखने को मिलती है। 

इसे भी पढ़ेंः सिंगर अल्का याग्निक को अचानक सुनाई देना हुआ बंद, बोलीं- मैं हुई रेयर न्यूरो डिसऑर्डर का शिकार

शिशु में पीलिया होने के लक्षण क्या हैं?- What are the symptoms of jaundice in a baby?

– त्वचा और आंखों का पीला पड़ना

– अत्यधिक नींद आना या सुस्ती

– जागने में परेशानी महसूस करना

– बहुत ही ज्यादा तेज आवाज में रोना

– गर्दन या शरीर का मुड़ना

आपके शिशु को पीलिया है या नहीं इसके लिए बच्चे के माथे और हथेली को हल्के हाथों से दबाएं। दबाने वाली जगह अगर आपको पीली नजर आती है, तो यह पीलिया होने का संकेत हो सकता हैं। वहीं, अगर दबाने वाली जगह पर त्वचा का रंग सामान्य रंग से थोड़ा हल्का होता और 2 से 3 मिनट के साथ सामान्य रंग जैसा ही नजर आने लगता है तो यह पीलिया का संकेत नहीं है।

इसे भी पढ़ेंः इन्सुलिन रेजिस्टेंस क्या होता है? एक्सपर्ट से जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

 

शिशु को पीलिया होने पर क्या करें?- What to do if the baby has jaundice in Hindi

डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि शिशु को पीलिया होने पर माता-पिता को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर शिशु की स्थिति के अनुसार दवाएं और थेरेपी का सहारा लेने की सलाह आपको दे सकते हैं। जन्मजात शिशु और नवजात शिशु को पीलिया जैसी बीमारी न हो इसके लिए बताए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

– नवजात शिशु के खून में बिलीरुबिन के स्तर को कम करने के लिए नियमित तौर पर स्तनपान करवाएं। 

इसे भी पढ़ेंः Heat Wave: क्या हीट वेव गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है? एक्सपर्ट से जानें

– शिशु को पीलिया से बचाने के लिए रोजाना धूप में सुलाएं। जहां तक संभव हो शिशु को सुबह की पहली धूप में 15 से 20 मिनट के लिए सुलाएं। आप चाहें तो शाम को भी बच्चे को धूप में लेटा सकते हैं।

– समय-समय पर शिशु की बाल रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं। अगर आपको शिशु की आंखें ज्यादा पीली लग रही हैं, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।

All Image Credit: Freepik.com

Read Next

बच्चों में आंखों का संक्रमण होने पर नजर आ सकते हैं ये 5 लक्षण, न करें अनदेखी

Disclaimer

इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।





Source link

Exit mobile version