What Type of Milk is Good For Diabetics: डायबिटीज के मरीजों को खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस बीमारी में डाइट से जुड़ी लापरवाही भारी पड़ सकती है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए डायबिटीज के मरीजों को दूध का सेवन करते समय भी सावधानियों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। दूध में मौजूद प्राकृतिक शुगर और लैक्टोज टूटकर ग्लूकोज में बदल जाते हैं। जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। डायबिटीज के मरीज दूध का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसकी मात्रा और सावधानियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, डायबिटीज में किस तरह का दूध पीना चाहिए और इससे जुड़ी सावधानियां।
डायबिटीज में कौन सा दूध पीना चाहिए?- What Type of Milk is Good For Diabetics in Hindi
दूध में कैल्शियम, प्रोटीन समेत कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी और फायदेमंद होते हैं। लेकिन इसमें मौजूद शुगर की मात्रा डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक होती है। नोएडा स्थित आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, “डायबिटीज के मरीजों को लो फैट और नॉन फ्लेवर्ड मिल्क का सेवन करना चाहिए। फुल फैट मिल्क का सेवन डायबिटीज में नुकसानदायक हो सकता है।”
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डायबिटीज के मरीजों को इस तरह का दूध पीना चाहिए-
1. कम वसा वाला दूध (Low-Fat Milk)
- इसमें वसा की मात्रा कम होती है, जो कैलोरी कम रखने में मदद करता है।
- फुल क्रीम दूध की तुलना में, लो फैट वाले दूध में लैक्टोज की मात्रा भी थोड़ी कम होती है।
- एक कप लो फैट वाले दूध में लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिनमें से 8 ग्राम लैक्टोज होता है।
2. टोन्ड दूध (Toned Milk)
- टोन्ड दूध कम वसा वाले दूध के समान है, लेकिन इसमें वसा की मात्रा और भी कम होती है।
- यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं।
- टोन्ड दूध में भी कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम वसा वाले दूध के बराबर ही होती है।
3. स्किम्ड दूध (Skimmed Milk)
- स्किम्ड दूध में वसा की मात्रा लगभग न के बराबर होती है।
- यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें वजन कम करने या कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
- स्किम्ड दूध में भी कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम वसा वाले दूध के बराबर ही होती है, लेकिन कैलोरी कम होने के कारण यह और भी बेहतर विकल्प बन जाता है।
4. अनस्वीटेड बादाम दूध (Unsweetened Almond Milk)
- बादाम दूध लैक्टोज-मुक्त होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें लैक्टोज असहिष्णुता (lactose intolerance) की समस्या है।
- बादाम दूध में प्राकृतिक रूप से शर्करा नहीं होती है, और वसा की मात्रा भी कम होती है।
- हालांकि, बादाम दूध में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा कम होती है, इसलिए इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए आपको डाइट में अन्य स्रोतों को शामिल करना होगा।
5. सोया मिल्क (Soy Milk)
- सोया मिल्क भी लैक्टोज-मुक्त होता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अच्छी होती है।
- सोया मिल्क में कुछ मात्रा में प्राकृतिक शर्करा होती है, लेकिन यह मात्रा गाय के दूध की तुलना में काफी कम होती है।
- सोया मिल्क में भी कैल्शियम की मात्रा कम होती है, इसलिए इसे अन्य स्रोतों से पूरा करने की आवश्यकता होती है।
6. कम फैट वाला दही (Low-Fat Curd)
- दही एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।
- दही में लैक्टोज की मात्रा भी कम होती है इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
डायबिटीज के मरीजों को दूध का सेवन करते समय ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों डाइट में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से युक्त फूड्स जरूर शामिल करें। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योग का अभ्यास करें।
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