Sawan 2024: सावन में ये गलतियां न पड़ जाएं भारी… भगवान शिव हो सकते हैं नाराज, मिलेंगे अशुभ परिणाम


इस वर्ष सावन का महीना 29 दिन का होगा। सावन सोमवार पर व्रत रखे जाएंगे और भोलेनाथ का पूजन किया जाएगा। इस दौरान कई नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। यहां आपको बताते हैं कि वे कौन से नियम हैं जिनका सावन माह में विशेष ध्यान रखना चाहिए।

By Bharat Mandhanya

Publish Date: Fri, 19 Jul 2024 11:43:20 AM (IST)

Updated Date: Fri, 19 Jul 2024 12:15:54 PM (IST)

सर्वार्थ सिद्धी योग में शुरू होगा सावन माह

HighLights

  1. सावन में सोमवार को रखा जाता है व्रत
  2. भोलेनाथ का किया जाता है विशेष पूजन
  3. कई नियमों का पालन होता है जरूरी

Sawan 2024 धर्म डेस्क इंदौर। सावन माह का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस माह भगवान शिव के निमित्त व्रत रखने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही साधक की प्रत्येक मनोकामना भी पूरी होती है। इस बार सावन माह 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जो 19 अगस्त तक रहेगा।

सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है और मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं भगवान शिव के पूजन के दौरान कई नियमों का पालन जरूरी होता है। नियमों की अनदेखी करने पर साधक को अशुभ फल भुगतना पड़ सकते हैं।

सावन में क्या न करें

सावन में तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा के सेवन की मनाही होती है। इस पूरे माह सात्विक भोजन है ग्रहण करना चाहिए।

तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं

हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव को तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए। भक्‍त चाहे तो भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ा सकते हैं।

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व्रत अधूरा न छोड़े

अगर आपने सावन में व्रत रखने का संकल्प लिया है, तो इसे अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। यदि आप व्रत पूरा करने में सक्षम नहीं है तो आपको इसका संकल्प भी नहीं लेना चाहिए।

बड़ों का अनादर न करें

सावन माह में बड़े बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए और ना ही उन्हें कटु वचन कहना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’



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