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धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार नृसिंह चतुर्दशी पर दो दिन व्रत की मान्यता है। भगवान नृसिंह की आराधना करने वाले भक्त को दो दिन वृती रहकर पूजा अर्चना करना चाहिए। इस बार 21 व 22 मई को दो दिन चतुर्दशी तिथि होने से दो दिनी व्रत का उत्तम अवसर प्राप्त होगा।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 14 May 2024 11:06:22 PM (IST)
Updated Date: Tue, 14 May 2024 11:06:22 PM (IST)
HighLights
- नृसिंह चतुर्दशी पर दो दिन व्रत की मान्यता
- भगवान नृसिंह भक्त को दो दिन वृती रहकर पूजा अर्चना करना चाहिए
- आराधना करने से भक्तों के समस्त अरिष्ट का निवारण होता है
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर गोधूलि वेला में भगवान नृसिंह के प्राकट्य की मान्यता है। धर्मधानी उज्जैन के मंदिरों में तिथि मतांतर से नृसिंह जयंती दो दिन मनाई जाएगी। छोटा सराफा स्थित नृसिंह मंदिर से 22 मई की शाम 6.45 बजे भगवान नृसिंह की शोभा यात्रा निकलेगी।
पंचांगीय गणना के अनुसार 21 मई को शाम 6.30 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि लगेगी। प्रदोष काल में चतुर्दशी की मान्यता वाले मंदिरों में 21 मई की शाम भगवान नृसिंह का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। वहीं 22 मई को सूर्योदय से शाम 6.45 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, ऐसे में उदयकाल में तिथि की मान्यता वाले मंदिरों में 22 मई को उत्सव मनाया जाएगा। छोटा सराफा स्थित श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर के मंगलप्रसाद भट्टड़ ने बताया 22 मई को सूर्योदय से प्रदोषकाल तक चतुर्दशी तिथि होने से छोटा सराफा, रामानुजकोट आदि मंदिरों में 22 मई को ही प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। छोटा सराफा स्थित मंदिर से 22 मई की शाम 6.45 बजे प्रदोषकाल में शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
दो दिन व्रत की मान्यता
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार नृसिंह चतुर्दशी पर दो दिन व्रत की मान्यता है। भगवान नृसिंह की आराधना करने वाले भक्त को दो दिन वृती रहकर पूजा अर्चना करना चाहिए। इस बार 21 व 22 मई को दो दिन चतुर्दशी तिथि होने से दो दिनी व्रत का उत्तम अवसर प्राप्त होगा। भगवान नृसिंह की आराधना करने से भक्तों के समस्त अरिष्ट का निवारण होता है तथा भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
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