Paush 2024 Month: पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से… ग्रहों के राजा सूर्य की आराधना से हर रुका काम पूरा होगा


पौष माह के दौरान कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं, जिनमें गुरु नानक जयंती और लोहड़ी भी शामिल हैं। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। पिंडदान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Fri, 13 Dec 2024 09:56:34 AM (IST)

Updated Date: Fri, 13 Dec 2024 11:44:40 AM (IST)

इस पवित्र महीने में किए गए धार्मिक कामों से कई गुना पुण्य फल मिलता है। व्रत और दान का विशेष फल मिलता है। देखिए त्योहारों की लिस्ट

HighLights

  1. 13 जनवरी तक चलेगा पौष माह
  2. इस दौरान नहीं होंगे शुभ कार्य
  3. पिंडदान और तर्पण का महत्व

धर्म डेस्क, इंदौर (paush mahina 2024)। सनातन कैलेण्डर के दसवें माह पौष की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है। इसका समापन 13 जनवरी को समाप्त होगा। यह माह ग्रहों के राजा भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है।

इस माह भगवान विष्णु के साथ सूर्यदेव की पूजा अर्चना विधि-विधान के साथ करने से सुख-समृद्धि और वैभव के साथ तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि इस माह में मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।

पिंडदान व तर्पण का भी विशेष महत्व – Paush Maas Pindan Tarpan

  • इस माह पाणिग्रहण संस्कार करने से भी सनातनी बचते हैं, क्योंकि गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार व वैवाहिक कार्यक्रम के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होते हैं। पौष माह में प्रमुख त्योहारों में 6 जनवरी को गुरु नानक जयंती व लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा।
  • मध्य प्रदेश में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने अनुसार, मान्यता है कि इस माह में पिंडदान और तर्पण करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • वहीं, सूर्य देव की पूजा करने से साधक को तेज, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। विधिपूर्वक पिंडदान करने से पूर्वजों को बैकुंठ की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।

naidunia_image

पौष माह का महत्व – Paush Maas significance

इस माह में प्रत्येक दिन तांबे के लोटे में लाल रंग के फूल, लाल चंदन जल और गंगाजल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जप करें। माना जाता है कि सूर्य देव को जल देने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।

पौष माह के व्रत त्योहार – Paush Month Vrat Tyohar

  • 18 दिसंबर बुधवार, संकष्टी गणेश चतुर्थी
  • 23 दिसंबर सोमवार , कालाष्टमी
  • 25 दिसंबर बुधवार मदन मोहन मालवीय जयंती, क्रिसमस
  • 26 दिसंबर गुरुवार, सफला एकादशी
  • 28 दिसंबर शनिवार, प्रदोष व्रत
  • 29 दिसंबर रविवार, मासिक शिवरात्रि
  • 30 दिसंबर सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत
  • 01 जनवरी बुधवार नव वर्ष , चंद्र दर्शन
  • 03 जनवरी शुक्रवार वरद चतुर्थी
  • 05 जनवरी रविवार षष्ठी
  • 06 जनवरी सोमवार, गुरु गोबिंद सिंह जयंती
  • 07 जनवरी मंगलवार, दुर्गाष्टमी व्रत
  • 10 जनवरी शुक्रवार वैकुंठ एकादशी , पौष पुत्रदा एकादशी
  • 11 जनवरी शनिवार कूर्म द्वादशी व्रत, प्रदोष व्रत , रोहिणी व्रत
  • 12 जनवरी रविवार स्वामी विवेकानंद जयंती , राष्ट्रीय युवा दिवस
  • 13 जनवरी सोमवार पूर्णिमा, सत्य व्रत, पौष पूर्णिमा, माघ स्नान प्रारंभ, लोहड़ी (लोहरी), सत्य व्रत , पूर्णिमा व्रत

यहां भी क्लिक करें – खरमास में क्यों नहीं करते शुभ कार्य? कब से हो रहा शुरू, पढ़ें क्या करना चाहिए व क्या नहीं



Source link

Exit mobile version