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हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान के मंत्रों का जाप करें।
By Ekta Sharma
Publish Date: Wed, 22 May 2024 05:08:34 PM (IST)
Updated Date: Wed, 22 May 2024 05:08:34 PM (IST)
HighLights
- श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था।
- 30 मई को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का पाठ करें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Masik Krishna Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी का मासिक त्योहार हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस कारण हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। आइए, जानते हैं ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, शुभ समय और पूजा विधि।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी तिथि
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 30 मई 2024 को सुबह 11.43 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 31 मई 2024 को सुबह 9.03 बजे समाप्त होगी। 30 मई को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
- मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- फिर सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
- इसके बाद मंदिर को साफ करें और गंगा जल छिड़ककर पवित्र करें।
- अब एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी की मूर्ति विराजित करें।
- दोनों का विशेष श्रृंगार करें। फिर दीपक जलाकर आरती करें।
- भगवान के मंत्रों का जाप करें।
- भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का पाठ करें।
- भगवान को मिश्री, मक्खन और फल का भोग लगाएं।
- भोग में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
- अंत में गरीबों को अन्न-धन का दान करें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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